हिमाचल के शक्तिपीठों में एक दिन में 27 हजार श्रद्धालुओं ने शीश नवाया

अनलॉक-5 में हिमाचल की सीमाएं खुलने से पड़ोसी राज्यों से हजारों की संख्या में सैलानी और श्रद्धालु यहां पहुंचने शुरू हो गए हैं। प्रदेश की प्रसिद्ध शक्तिपीठों में रविवार को छुट्टी के दिन करीब 27 हजार श्रद्धालु नतमस्तक हुए और सुख शांति की कामना की। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई हैं।
प्रसिद्ध शक्तिपीठ चिंतपूर्णी के दरबार खुलने के बाद तीसरे रविवार को एक दिन में रिकॉर्ड 9998 श्रद्धालुओं ने शीश नवाया है। इसमें श्री चिंतपूर्णी सदन में 4132 श्रद्धालुओं जबकि, शंभू बैरियर पर 5866 ने पंजीकरण करवाया। वहीं, कांगड़ा की शक्तिपीठ बज्रेश्वरी मंदिर में 765, चामुंडा माता मंदिर में 2000 और मां ज्वालाजी के दरबार 3749 और नयनादेवी में 7 हजार, श्रद्धालुओं ने हाजिरी भरी।
इनके अलावा बाबा के दरबार दियोटसिद्ध में रविवार को 3000 भक्तों ने शीश नवाया। ज्वालामुखी में सुबह के समय काउंटर खुलने से पहले ही लाइनों में श्रद्धालु लग गए थे। इतनी बड़ी संख्या में भक्तों के पहुंचने से प्रदेश में पर्यटन कारोबार को भी रफ्तार मिली है। वहीं, मंदिर परिसर के दुकानदारों को छह माह बाद कारोबार शुरू होने से रोजी-रोटी की चिंता से राहत मिली है। हालांकि, प्रदेश में कोरोना का संकट बरकरार है।
धर्मशाला के मैक्लोडगंज में भी पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहा। शिमला में चंडीगढ़ और पड़ोसी राज्यों के सैलानियों ने रौनक बढ़ा दी है। शिमला के रिज मैदान में रविवार को सैकड़ों की संख्या में सैलानी चहलकदमी करते नजर आए और खूबसूरत नजारों को कैमरे में कैद करते दिखे। राजधानी शिमला और धर्मशाला में होटलों की ऑक्यूपेंसी 80 फीसदी रही है। पर्यटन स्थल डलहौजी की वादियों को निहारने बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचने लगे हैं।
यहां होटलों की ऑक्यूपेंसी 40 फीसदी तक हो गई है। पर्यटन स्थल कुल्लू-मनाली में काफी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से पर्यटन कारोबारी चहक गए हैं। रविवार को ब्यास नदी के किनारे सैकड़ों की संख्या में पर्यटक अठखेलियां करते दिखे। इससे पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों और होटलियर्स को कोरोना संकट में बड़ी राहत मिली है। वीकेंड में तीन दिन की छुट्टियां होने से हजारों की संख्या में सैलानी यहां पहुंचे। रविवार शाम को काफी संख्या में सैलानी लौट भी गए हैं।
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