गलवान घाटी में हुए तनाव के बाद प्रदेश सरकार ने केंद्र को भेजा छितकुल से गंगोत्री तक सड़क निर्माण का प्रस्ताव

गलवान घाटी में हुए तनाव के बाद प्रदेश सरकार ने केंद्र को भेजा छितकुल से गंगोत्री तक सड़क निर्माण का प्रस्ताव
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गलवान घाटी में चीन से झड़प के बाद पड़ोसी राज्य चीन के साथ सीमा पर बढ़ती तनातनी के बीच हिमाचल पुलिस ने प्रदेश सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार को किन्नौर के छितकुल से उत्तराखंड के गंगोत्री तक सड़क निर्माण का प्रस्ताव भेजा है।

गलवान घाटी में चीन से झड़प के बाद पड़ोसी राज्य चीन के साथ सीमा पर बढ़ती तनातनी के बीच हिमाचल पुलिस ने प्रदेश सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार को किन्नौर के छितकुल से उत्तराखंड के गंगोत्री तक सड़क निर्माण का प्रस्ताव भेजा है। इसके अलावा किन्नौर में स्थित राजीव गांधी बिजली परियोजना से स्पीति के अलावा सांगला से रोहडू के बीच सड़क बनाने का सुझाव है। पुलिस का कहना है कि अगर सड़कों का निर्माण होता है तो यहां से सैन्य गतिविधियों को तेजी से संचालित किया जा सकेगा।

साथ ही रणनीतिक और व्यापारिक लिहाज से भी लाभ होगा। राजभवन और सरकार को भेजे इस प्रस्ताव को केंद्रीय रक्षा मंत्रालय को भेजा जा चुका है। डीजीपी संजय कुंडू ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के निर्देश पर आधा दर्जन आला पुलिस अधिकारियों को किन्नौर और लाहौल जिले की चीन से लगती 240 किलोमीटर लंबी सीमा के आसपास के क्षेत्रों में दस दिन के दौरे पर भेजा था। दौरे के बाद तैयार प्रस्ताव में आम लोगों के अलावा स्थानीय सूचना तंत्र से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों के सुझाव के आधार पर पुलिस ने राजभवन के माध्यम से केंद्र को कई सुझाव दिए।

चूंकि अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते अपने क्षेत्र में चीन की गतिविधियां बढ़ीं हैं, ऐसे में प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर किन्नौर के छितकुल से उत्तराखंड के गंगोत्री तक सड़क बने तो उत्तराखंड और हिमाचल की दूरी कम होगी। साथ ही चीन की तरह सीमा के समानांतर सड़क कनेक्टिविटी से आईटीबीपी और सेना को भी फायदा होगा। किन्नौर से स्पीति के बीच सड़क निर्माण की जरूरत है, जिससे यह सीमांत सड़क आगे बढ़ती रहे। सांगला और रोहड़ू के बीच सड़क निर्माण का सुझाव भी दिया, ताकि क्षेत्र का विकास हो सके।


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