ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बेची थी गाय, अब सोनू सूद ने मांगी कुलदीप की डिटेल्स

अभिनेता सोनू सूद ने हिमाचल सरकार को सिर्फ एक ट्वीट से पछाड़ कर रख दिया है। सोनू सूद ने कहा है कि वह कुलदीप की गाय को वापस लेने के लिए काम करेंगे। हैरानी की बात है कि हजारों किलोमीटर दूर मुंबई में सोनू का दिल पसीज गया, पर हिमाचल सरकार के नुमाइंदों पर अभी तक कोई असर नहीं हुआ है। क्या आपको मालूम है कि फौरी तौर पर राहत की जगह कुलदीप को आफत के सिवाए कुछ नहीं मिला है? आपको याद दिला दें कि कुलदीप ने अपने बच्चे को मोबाइल देने के लिए अपनी गाय बेच दी थी। बच्चे को मोबाइल की जरूरत इसलिए थी कि वह ऑनलाइन क्लास कर सके।
सोनू सूद की खबर के आने के बाद स्थानीय विधायक रमेश चंद धवाला मौके पर गए और दो हजार रुपए दिए। साथ ही यह माना कि गरीब कुलदीप की हालत सच में दयनीय हैं। इसके बाद धवाला के आदेशों पर सरकारी नफरी पड़ताल के लिए अगले दिन कुलदीप के घर पहुंची। पर क्या आपको मालूम है कि वहां पर क्या सीन क्रिएट हुआ।
सरकारी फौज की कवायद ऐसी थी मानों गुम्मर गांव में कोई आतंकी पकड़ा गया हो। कुलदीप की माली हालत खंगाली गई। बच्चे किस तरह से प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे हैं, इसकी छानबीन की गई। पता लगाया गया कि कितनी एडमिशन फीस जमा करवाई गई और कितने को किताबें कुलदीप ने खरीद कर बच्चों को मुहैया करवाईं। मसला यहीं नहीं रुका।
कुलदीप ने कब गाय बेची और कब मोबाइल लिया इसकी परतें भी उधेड़ी गईं। कुलदीप के मोबाइल को लेकर गहरी पड़ताल की गई। पहले यह बोला गया कि भैया, मोबाइल का बिल दिखाओ। फिर कहा गया कि मोबाइल का डिब्बा दिखाओ।
कुलदीप के बच्चों की किताबों की नुमाइश उन कुर्सियों पर इस तरह से बिछा कर की गई, जिस तरह सजा कर पुलिस और फौज के लोग आतंकियों से बरामद हथियारों को मीडिया के सामने प्रदर्शनी के लिए रखते हैं। बाद में अफसरी जमात ने माना कि कुलदीप गरीब है। पर सवाल यह है कि आखिर पड़ताल का यह रवैया क्या था।यह भी इसी मामले से जुड़ी हकीकत है कि सियासत की मार में भी कुलदीप की गरीबी को सियासी अमीरों ने हथियार बना लिया। एक बड़ा कुनबा यह साबित करने में लग गया कि कुलदीप बेईमान है। सरकारी टीम ने बयान दिया कि वह कुलदीप को पुनः गाय देने के लिए आए थे। पर कुलदीप ने मना कर दिया.
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS