पौंग झील में पक्षियों की मौत, बर्ड फ्लू की आशंका के चलते पर्यटकों के जाने पर लगाई रोक

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पौंग झील किनारे प्रवासी पक्षियों की अचानक मौत होने से जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। जिला प्रशासन ने त्वरित एक्शन लेते हुए पौंग डैम की हर गतिविधि को बंद कर दिया है। पौंग झील के एक किलोमीटर क्षेत्र को अलर्ट जोन बनाया गया है, जबकि नौ किलोमीटर क्षेत्र को सर्विलांस जोन में रखा गया है। जिलाधीश कांगड़ा राकेश प्रजापति ने बताया कि आगामी कार्रवाई तक पौंग झील के एरिया में कोई भी गतिविधि नहीं होगी।
यहां तक कि मछुआरों के पौंग झील में मछली पकडऩे पर भी पाबंदी रहेगी। जिलाधीश कांगड़ा राकेश प्रजापति ने बताया कि पौंग झील में अचानक पक्षियों के मरने के कारणों का अभी तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है। इसे देखते हुए कोई भी व्यक्ति डैम एरिया में नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई आदेशों की अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
पौंग झील में हर साल अक्तूबर से मार्च तक रूस, साइबेरिया, मध्य एशिया, चीन, तिब्बत आदि देशों से विभिन्न प्रजातियों के रंग-बिरंगे परिंदे लंबी उड़ान भर यहां पहुंचते हैं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। अब इन पक्षियों की अचानक मौत हो रही है। वन्यप्राणी विभाग ने बर्ड फ्लू की आशंका के चलते जिलाधीश कांगड़ा को अवगत करवा झील में सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगा दी है।
मृत परिंदों के सैंपल लेकर मध्य प्रदेश के भोपाल की एक प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा। पौंग झील के सहायक मत्स्य निदेशक जय सिंह ने भी माना कि उन्हें जिलाधीश कांगड़ा के कार्यालय से पौंग झील में प्रवासी पक्षियों की अचानक हो रही मौत के मद्देनजर मत्स्य आखेट पर भी अस्थायी तौर पर प्रतिबंध लगाने के आदेश आए हैं। वन्यजीव प्राणी विभाग के डीएफओ राहुल रहाणे ने बताया कि पौंग झील के 1410 क्षेत्र में सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगा दी है।
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