हाेटल कारोबारियों पर कोरोना की मार, खाली हो रहे देवभूमि के होटल

देवभूमि में कोरोना माहामारी के चलते होटल कारोबारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। होटल कारोबारियों पर अनरजिस्टर्ड होम स्टे व अन्य इकाइयां भारी पड़ रही हैं। इन इकाइयों के सक्रिय होने से पर्यटन कारोबारियों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। टूरिज़्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर एसोसिएशन का आरोप है प्रदेश में वीकेंड पर काफी संख्या में सैलानी पहुंचे हैं, मगर होटलों में मात्र दस से 15 फीसदी तक की ऑक्यूपेंसी ही रही है।
गैर पंजीकृत इकाइयों के चलते उनके कारोबार पर काफी प्रभाव पड़ा है। एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र सेठ ने बताया कि कोविड के चलते पहले से ही होटल कारोबार भारी आर्थिक तगंहाली के दौर से गुजर रहे हैं। अब कुछ कारोबार खुला है, मगर गैरपजीकृत इकाइयां उनके कारोबार पर भारी पड़ रही है। वीकेंड पर होटल खाली पडे़ हुए हैं। बाहरी राज्यों से आने वाले सैलानी ऑनलाइन बुकिंग कर इकाइयों में रुक रहे हैं। मामला पर्यटन विभाग व प्रदेश सरकार के समक्ष उठाया जा चुका है, मगर इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिसके चलते एक ओर जहां पर्यटन कारोबारियों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, वहीं, इससे राज्य सरकार को भी राजस्व की चपत लग रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग उठाई है कि प्रदेश में चल रही गैर पजीकृत इकाइयों पर नकेल कसी जाए, ताकि घाटे की मार झेल रहे पर्यटन कारोबारियों को राहत मिल सकें।
बर्फबारी के दौरान बढ़ सकती है सैलानियों की संख्या
हिमाचल प्रदेश के पर्यटन कारोबारी अब विंटर सीजन का इंतजार कर रहे हैं। कारोबारी वर्ग बर्फबारी के इंतजार में हैं। कारोबारियों को उम्मीद है कि हर साल की तरह प्रदेश की सैरगाहों पर विंटर सीजन के दौरान काफी संख्या में सैलानी पहुचेंगे और उनके कारोबार में इजाफा आएगा। बहरहाल, अब देखना अहम होगा कि विंटर सीजन में प्रदेश के पर्यटक स्थलों में कितने पर्यटक पहुंचते हैं और कारोबार को कितनी रफ्तार मिलती है।
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