नदी पर पुल न होने पर छलका 'तड़ग्रां' के लोगों के दर्द, बार-बार शिकायत के बावजूद प्रशासन नहीं ले रहा सुध

नदी पर पुल न होने पर छलका तड़ग्रां के लोगों के दर्द, बार-बार शिकायत के बावजूद प्रशासन नहीं ले रहा सुध
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चंबा जिले के गांव तड़ग्रां के लोग जान पर खेलकर प्रतिदिन रावी नदी को पार करते हैं। गांव वालों का कहना है कि नदी पर पुल नहीं होने के कारण यहां आए दिन परेशानी का सामना करना पड़ता है।

चंबा जिले के गांव तड़ग्रां के लोग जान पर खेलकर प्रतिदिन रावी नदी को पार करते हैं। गांव वालों का कहना है कि नदी पर पुल नहीं होने के कारण यहां आए दिन परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण यहां झूला पुल के सहारे नदी पर करने को मजबूर हैं। यहां तक की बच्चों को भी स्कूल जाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल कर रोज नदी पार करनी पड़ती है। जिसमें हर समय दुर्घटना का खतरा बना रहता है। कई बार झूला पुल में स्कूल के बच्चे भी फंस चुके हैं। साथ ही कई हादसों में लोग भी अपनी जान गंवा चुके हैं।

बावजूद इसके आज तक प्रशासन और किसी भी सरकार ने तड़ग्रा के लोगों के इस दर्द को नहीं जाना। लोगों का कहना है कि वह पिछले 15 सालों से इस मांग को हर स्तर पर उठा चुके हैं। मगर आज तक उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई है। जानकारी के अनुसार यह गांव जिला मुख्यालय से करीब चार किमी की दूरी पर है। बावजूद इसके गांव के लिए आज तक पुल का निर्माण नहीं हो पाया है। इस वजह से उफनती रावी नदी के ऊपर से लोग झूला पुल से आवाजाही करने को मजबूर हैं। ग्रामीण राकेश कुमार, सुनील कुमार, राजकुमार, देवी चंद, राजेश कुमार, अजय कुमार, बिंदु कुमार, सन्नी कुमार, पप्पी राम, काकू राम, जगदीश चंद, चैन लाल, दीवान चंद, धारो राम और राकू राम का कहना है कि इस गांव की आबादी दो सौ करीब है।

उन्होंने बताया कि गांव से जुड़ने का झूला पुल ही एकमात्र साधन है। उन्होंने बताया कि झूला पुल से कई बार हादसे भी हो चुके हैं। इसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं तो वहीं कई लोगों की जान भी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि प्रशासन को भी इस बारे में ज्ञापन भी सौंप चुके हैं। उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग की कि जल्द तड़ग्रां की आवाजाही को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए पुल का निर्माण किया जाए।

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