Coronavirus: हिमाचल के आईजीएमसी अस्पताल ने कोविड-19 के लिए रिजर्व किए 200 बैड

कोरोनावायरस को हराने के लिए हिमाचल सरकार अपनी तरफ से भरपुर तैयारियां कर रही है। प्रदेश का आईजीएमसी अस्पताल इन दिनों राज्य का सबसे बड़ा कोविड अस्पताल बनकर उभरा है। आईजीएमसी में कोविड मरीजों के लिए 200 बिस्तर रिजर्व किए गए हैं। इसके अलावा आईसीयू बेड की कैपेसिटी भी बढ़ाई गई है। आईजीएमसी प्रशासन की मानें, तो जरूरत पड़ने पर इन बिस्तरों की कैपेसिटी को बढ़ाकर 500 भी किया जा सकता है।
खास बात यह है कि आईजीएमसी को सरकार ने कोविड अस्पताल नहीं बनाया है। बावजूद इसके यहां पर कोरोना के उन गंभीर मरीजों का उपचार किया जा रहा है, जिन्हें विभिन्न मेडिकल कालेजों से रैफर किया जा रहा है। आईजीएमसी के आईसीयू वार्ड में कोविड के सीरियस मरीजों के लिए 82 बिस्तर लगाए गए हैं, लेकिन इनमें 30 नए बिस्तरों को जोड़ा गया है। ऐसे में अब आईसीयू में 112 बिस्तर मरीजों के लिए हो गए हैं।
इसके अलावा थोड़े कम सीरियस मरीजों के लिए 30 बिस्तर थे, जिन्हें भी बढ़ाकर 100 कर दिया गया है। कम सीरियस मरीजों के लिए जहां पहले 30 बिस्तर थे, उनमें 150 को जोड़ा गया है। इसके अलावा कोविड मरीजों के लिए उपचार में लगे हैल्थ वर्कर्स के लिए 20 बिस्तर रिजर्व रखे गए हैं। खास बात यह है कि सभी बिस्तरों के साथ ऑक्सीजन की व्यवस्था भी की गई है।
इसका मतलब यह है कि अगर किसी मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है, तो उसे ऑक्सीजन चढ़ाई जा सकती है। आईजीएमसी अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी डा. राहुल गुप्ता का कहना है कि कोविड मरीजों के लिए 200 बिस्तर कर दिए गए है और सभी को ऑक्सीजन से जोड़ा गया है। जरूरत पड़ने पर इन्हें 500 भी किया जा सकता है। आईजीएमसी कि ओर से मरीजों के उपचार में कोई कमी नहीं रखी जा रही है।
आईजीएसमी में रोजाना 10 से 15 मरीज सीरियस हालत में में अस्पताल पहुंच रहे हैं। लोग अस्पताल में आने में देरी कर देते हैं, जिससे उन्हें बचा पाना मुश्किल हो जाता है। अगर डॉक्टर के पास समय रहते मरीज पहुंच जाएं, तो उन्हें बचाया जा सकता है। आईजीएमसी में अभी तक 930 मरीज कोविड के आ चुके हैं। अधिकतर मरीज यहां से ठीक होकर ही जातें हैं।
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