हिमाचल के इस मंदिर में दर्शनों के बाद बोलने लगते हैं गूंगे बच्चे

हिमाचल के इस मंदिर में दर्शनों के बाद बोलने लगते हैं गूंगे बच्चे
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हिमाचल में के गोबिंदसागर झील के किनारे स्थित बिलासपुर शहर देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध है। यहां विभिन्न देवी देवताओं के प्रसिद्ध मंदिर स्थापित हैं, जिनका इतिहास काफी रोचक है।

हिमाचल में के गोबिंदसागर झील के किनारे स्थित बिलासपुर शहर देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध है। यहां विभिन्न देवी देवताओं के प्रसिद्ध मंदिर स्थापित हैं, जिनका इतिहास काफी रोचक है। ऐसा ही एक मंदिर है मां गासियां मंदिर। जो कि बिलासपुर जिला मुख्यालय पर श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के परिसर में स्थित रंगनाथ मंदिर में स्थापित हैं। यहां मां गासियां की मूर्तियां रखी गई हैं।

बताया जाता है कि मान्यता है कि जो बच्चा तोतला या कम बोलता है या फिर बोलता ही नहीं, तो मां गासियां मंदिर में माथा टेकने से वह शुद्ध और साफ बोलना शुरू कर देता है। जिसके बाद यहां पर अखरोट और चांदी की जीभ चढ़ाई जाती है। पहले मां गासियां का पूजा स्थान पुराने बिलासपुर में हुआ करता था। जिन्हें पुराने बिलासपुर के जलमग्र होने के बाद नए शहर में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के परिसर में रंगनाथ मंदिर में स्थापित किया गया। दूर दूर से श्रद्धालु अपने बच्चों के साथ यहां माथा टेकने के लिए आते हैं।

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