अपात्र राशनकार्ड धारकों पर होगी एफआईआर, बीडीओ को सौंपा जांच का जिम्मा

प्रदेश सरकार ने फर्जीवाड़े से गरीब बने अफसरों के राशनकार्ड ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए ग्रामीण विकास विभाग ने बीडीओ को जांच का जिम्मा सौंपा है। सप्ताह के भीतर रिकॉर्ड तैयार कर कार्यालय भेजने को कहा गया है। इन अफसरों के खिलाफ विभाग एफआईआर दर्ज करेगा। यही नहीं, अफसरों के अलावा पंचायत प्रधान, सचिव पर मामले दर्ज होंगे।
विभाग का मानना है कि अगर ग्रामसभा में संपन्न लोगों को बीपीएल में शामिल किया गया तो उस समय प्रधान और सचिव ने आपत्ति क्यों नहीं जताई। इन लोगों की मिलीभगत से इस फर्जी कार्य को अंजाम दिया गया है।
विभाग को अंदेशा है कि पूर्व और वर्तमान में संपन्न लोगों को मकान बनाने के लिए भी पैसा जारी किया गया है। इसकी भी शिकायत आई है। ऐसे में विभाग इसका भी लेखा-जोखा तैयार कर रहा है।
खाद्य आपूर्ति विभाग के मुताबिक इन अफसरों ने 2 महीने पहले भी डिपो से सस्ता राशन लिया है। मशीन में इसकी एंट्री हुई है। यह भी मालूम किया जा रहा है कि कहीं इन्होंने बीपीएल का कार्ड बनाकर सरकारी नौकरी हड़प ली हो।
उधर, ग्रामीण विकास विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर अनिल शर्मा ने बताया है कि मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इस फर्जीवाड़े का खात्मा होगा। जो लोग असल में इसके हकदार हैं, उन्हें यह लाभ मिलेगा।
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