भाई-बहन के प्यार पर इस बार कोराेना की मार, बाजार तो सजे पर इस बार नहीं पहुंच रहीं बहनें

भाई-बहन के प्यार पर इस बार कोराेना की मार, बाजार तो सजे पर इस बार नहीं पहुंच रहीं बहनें
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रक्षाबंधन पर्व पर इस बार काेरोना वायरस का ग्रहण लग गया है। बाजारों में इस बार राखियां तो सजी हैं पर इस बार 30 प्रतिशत राखियां ही बिची हैं। कोराेना वायरस को देखते है डाक्टरों ने भी त्यौहार को तिलक लगाकर ही मनाने की सलाह दी है।

रक्षाबंधन पर्व पर इस बार काेरोना वायरस का ग्रहण लग गया है। बाजारों में इस बार राखियां तो सजी हैं पर इस बार 30 प्रतिशत राखियां ही बिची हैं। कोराेना वायरस को देखते है डाक्टरों ने भी त्यौहार को तिलक लगाकर ही मनाने की सलाह दी है। भाई बहन का पवित्र रिश्ते के प्रतीक रक्षाबंधन पर भी अब कोरोना की नजर लग गई है।

राज्य के प्रमुख बाजारों में रंग-बिरंगी राखियां तो सजी हैं, लेकिन उन्हें खरीदने के लिए कोई भी खरीददार नहीं मिल रहे हैं। चिकित्सकों ने भी अब रक्षा बंधन को लेकर सलाह दी है कि अगर ठीक लगता है, तो इस बार तरह-तरह की राखियों को नजरअंदाज करें।

तिलक लगाकर ही इस पर्व को खास बनाएं। अपने भाई की कलाई में अगर राखी बांधनी हैं, तो मोली या कोई ओर धागा ही बांधे। जरूरी नहीं है कि बाजारों में आई राखियों से ही इस पर्व को मनाना है। अहम यह है कि रक्षा बंधन के पर्व को अब तीन दिन ही बचे हैं।

बावजूद इसके बाजारों में 30 प्रतिशत राखियों की ही खरीददारी हुई है। कई महिलाओं ने कहा कि वे अपने भाइयों को राखी पोस्ट नहीं करेंगी, क्योंकि राखी कई जगह से होती हुई विभिन्न हाथों से होकर जाएगी। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है।

यही वजह है कि राज्य की महिलाओं ने इस बार भाइयों को राखी नहीं भेजी है। बता दें कि कोरोना वायरस का खतरा इतना ज्यादा बढ़ गया है कि रक्षा बंधन पर भी भाई-बहन एक-दूसरे को संक्रमण से बचाने की के लिए राखियां पोस्ट नहीं कर पा रहे हैं।

फिलहाल संक्रमण फैलने के डर से ही महिलाएं राखियों से दूरी बना रही हैं। चिकित्सकों की मानें तो राखियों में किसी भी प्रकार का कोई संक्रमण नहीं होता है। अगर फिर भी किसी को डर है, तो इस बात का ध्यान रखें कि राखियों को सेनेटाइज कर पोस्ट करें। वहीं, अगर संभव हो तो राखियों को इस बार कलाई में न बांधकर सिर्फ तिलक ही लगाएं।

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