बर्फ की सफेद चादर से ढका लाहुल स्पीति, जमने लगीं झीलें

लाहुल स्पीति में झीलें भी जमने लगी हैं। प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद पारा शून्य के नीचे चला गया है। तापमान में गिरावट के कारण लाहुल स्पीति सहित कुल्लू-किन्नौर और चंबा जिलों की 12 से 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सभी झीलें व झरने जमने लगे हैं। देश व दुनिया के ट्रैकरों की पहली पसंद 14,190 फीट ऊंची चंद्रताल झील सैलानियों के लिए पहले ही बन्द कर दी है। शीत मरुस्थल लाहुल घाटी की 14,091 फीट ऊंची ढंखर झील सहित लेह मार्ग पर स्थित 15,840 फुट ऊंची सूरजताल झील और पट्टन घाटी की 14,000 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित नीलकंठ झील भी तापमान लुढ़कने से जमने लगी है।
मनाली से केलांग की ओर घूमने जा रहे हैं तो जरा सावधान हो जाएं। पारा माइनस पर लुढ़कने से सुबह शाम सोलंगनाला से केलंग तक का सफर जोखिम भरा हो गया है। सड़क में पानी जमने से जोखिम ओर भी बढ़ गया है। लाहुल स्पीति प्रशासन भी धूप निकलने के बाद सुबह नौ बजे से शाम 5 बजे के बीच ही सुरक्षित सफर की सलाह दे रहा है। इन दिनों मनाली आने वाला हर पर्यटक शीत मरुस्थल लाहुल घाटी जाने को प्राथमिकता दे रहा है। घाटी में पारा लुढ़कने से सड़क में पानी जमने लगा है।
सोलंगनाला से दारचा के बीच जगह-जगह पानी जम रहा है। प्रशासन ने हालात को देखते हुए पर्यटकों को पहले से ही सटिंगरी से आगे जाने पर रोक लगा दी है। सड़क में पानी जमने से वाहन पिसलकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। वाहन चालक रोकी और विवेक ने बताया स्थानीय वाहन चालक तो हालात से परिचित हैं। लेकिन अन्य राज्य से आने वाले पर्यटक वाहन चालकों पर सड़क में जमने वाला पानी भारी पड़ रहा है।
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