शहीद अतर सिंह पंचतत्त्व में विलीन, अंतिम विदाई देने उमड़ा जनसैलाब

शहीद अतर सिंह पंचतत्त्व में विलीन, अंतिम विदाई देने उमड़ा जनसैलाब
X
भारत-चीन सीमा अरूणाचल प्रदेश में सिरमौर-शिमला जिला की सीमा पर लगती तहसील कुपवी के धारचांदना के शहीद अतर सिंह राणा सोमवार को पंचतत्त्व में विलीन हो गए।

भारत-चीन सीमा अरूणाचल प्रदेश में सिरमौर-शिमला जिला की सीमा पर लगती तहसील कुपवी के धारचांदना के शहीद अतर सिंह राणा सोमवार को पंचतत्त्व में विलीन हो गए। उनका पार्थिव शरीर सेना के वाहन से तिरंगे में लिपटा हुआ चार दिन बाद पैतृक गांव लाया गया, जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अपने साथी को अनंत यात्रा पर भेजने के लिए उनकी पार्थिव देह को पैतृक गांव छोड़ने के लिए करीब एक दर्जन सैनिक भी साथ आए थे। धारचांदना के इस पहाड़ी गबरू की अंतिम यात्रा में हजारों लोग सम्मिलित हुए और उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी।

सेना के जवानों ने उन्हें सात तोपों की सलामी दी। पार्थिव देह के साथ आये एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि गुरूवार को अतर राणा रोज की तरह गश्त पर थे, इस दौरान एक बारूदी सुरंग फटने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। शहीद के छोटे भाइयों रमेश और गीता राम ने अतर राणा की पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। शहीद अतर सिंह राणा के पार्थिव शरीर को वाया नौहराधार, हरिपुरधार उनके गांव पहुंचाया गया। इस दौरान जगह-जगह उनकी यात्रा पर पुष्प बरसाकर भारत माता की जय, वंदे मातरम के उद्घोष शुरू हुए। वंदे मातरम से समूचा गिरिपार क्षेत्र व जिला शिमला गूंज उठा। इस दौरान हरिपुरधार में लोगों का हुजूम उमड़ गया।

करीब दो बजे शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचते ही हजारों की संख्या में जन सैलाब उमड़ पड़ा। सोमवार को सुबह से ही भारत माता के इस लाल के अंतिम दर्शनों के लिए तांता लगा हुआ था। धार चांदना गांव के अलावा लोग पैदल, दोपहिया वाहन, दर्जनों गाडि़यों में से शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। ऐसे में सभी की आंखें नम थी। शहीद के अंतिम दर्शन पाते ही बच्चे, बूढ़े, जवान एवं महिलाओं के आंसू रुक नहीं रहे थे। बता दें कि सोमवार सुबह से ही शहीद के परिजन तथा गांव वाले हाथों में पुष्प एवं माला लेकर उनके पार्थिव शरीर के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। शहीद अतर सिंह राणा के पिता हरिराम, माता फूलमा देवी, बड़े भाई दिनेश व दो छोटे भाई के अलावा एक छोटी बहन, एक शादीशुदा बड़ी बहन ने जब दर्शन किए, तो सभी फफक-फफक कर रो पड़े।

मेरा बेटा अमर हुआ है

पिता हरि राम की आंखों में आंसू जरूर थे, मगर उन्होंने काफी हिम्मत रखी तथा बार-बार जुबान से यही निकल रहा था कि मेरा बेटा मरा नहीं, अमर हुआ है। चौपाल के विधायक बलवीर सिंह वर्मा ने प्रदेश सरकार की तरफ से शहीद के परिजनों को पांच लाख रुपए का चेक प्रदान किया। इस मौके पर एसडीएम चौपाल नरेंद्र चौहान, डीएसपी चौपाल राज कुमार सहित तमाम प्रशासनिक और पुलिस अमला मौजूद रहा।

उधर चौपाल के पूर्व विधायक डा. सुभाष चंद मंगलेट ने अतर राणा की शहादत पर शोक प्रकट करते हुए शहीद के परिवार के प्रति सांत्वना प्रकट की है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी महासचिव रजनीश किमटा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि शहीद के परिजनों को सरकार की तरफ से एक करोड़ रुपए दिए जाएं एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।

Tags

Next Story