हिमाचल में अब 12 साल पुरानी बसें भी दौड़ेंगी सड़कों पर, राज्य परिवहन प्राधिकरण ने लिया फैसला

हिमाचल प्रदेश में रिप्लेसमेंट की स्थिति में रूट परमिट पर अगर बसें बदलनी हों तो अब 12 साल पुरानी बस भी दर्ज की जा सकती है। पहले यह आयु पांच साल थी, लेकिन उसके पश्चात बसों की उम्र पांच से बढ़ाकर सात साल कर दी गई। अब इससे बढ़ाकर 12 साल कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि छह नवंबर 2019 को हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ के साथ एक बैठक पूर्व परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने सचिवालय में की। इसमें निजी बस ऑपरेटर संघ ने मुख्य मांग रिप्लेसमेंट की स्थिति में बसों की उम्र सात वर्ष से 15 वर्ष करने की उठाई थी।
इस पर मंत्री ने रिप्लेसमेंट की स्थिति में बसों की उम्र 15 साल न करके 12 साल की और इसमें कुछ पेंच फंसा होने के कारण हाल ही में राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि अब बसों की रिप्लेसमेंट की स्थिति में बसों की उम्र सात से 12 वर्ष कर दी जाएगी, लेकिन बाहरी राज्यों की बसे हिमाचल में पंजीकृत नहीं होंगी हिमाचल में पंजीकृत बसें ही दूसरे परमिट पर दर्ज हो पाएंगी।
इससे उन निजी बस ऑपरेटर को बहुत फायदा होगा, जिनका रूट परमिट छोटा है और जो नई बस खरीदने की स्थिति में नहीं हैं। हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर एवं प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने इसके लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर, वर्तमान परिवहन मंत्री विक्त्रम ठाकुर और परिवहन निदेशक कैप्टन जेएम पठानिया का आभार व्यक्त किया है।
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