जल्द खत्म होगा ऑर्गेनिक सेब का इंतजार, 130 से 150 रुपये प्रति किलो बिकने की संभावना

किन्नौर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों का रसीला ऑर्गेनिक सेब अक्तूबर माह में बाजार में दस्तक देगा। किन्नौर के निचले क्षेत्रों का सेब मार्केट में पहुंच चुका है, लेकिन खरीददारों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों के ऑर्गेनिक सेब का इंतजार है। किन्नौर में इस साल सेब सीजन 15 से 20 दिन लेट चल रहा है।अक्तूबर के पहले सप्ताह के बाद किन्नौर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों ताबो, कल्पा, ठंगी और कंडा से मंडियों में सेब की आमद शुरू हो जाएगी। सीजन की शुरूआत में किन्नौरी सेब 130 से 150 रुपये प्रति किलो बिकने की संभावना है। मौजूदा समय में किन्नौर के टापरी, भावानगर, सुंगरा और निचार सहित अन्य क्षेत्रों का सेब मार्केट में पहुंचना शुरू हो गया है लेकिन ऊंचाई वाले क्षेत्रों के सेब की मार्केट में अधिक डिमांड है।
किन्नौर की मूरंग तहसील के आराध्य ऑर्चर्ड ठंगी के बागवान भीष्म नेगी का कहना है कि 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित उनके बगीचे में अक्तूबर माह में सेब की फसल तैयार हो जाएगी। पिछले साल के मुकाबले इस साल सीजन लेट है। पंजाब के लुधियाना की चुग फ्रुट कंपनी के संचालक दीपक अरोड़ा का कहना है कि मौजूदा समय में किन्नौर की लो हाइट का सेब मार्केट में आ रहा है। अक्तूबर माह में ऊंचाई वाले क्षेत्रों का ऑर्गेनिक सेब मंडियों में पहुंचेगा। शुरुआत में ही 130 से 150 रुपये प्रति किलो रेट मिलने की उम्मीद है।
किन्नौरी सेब प्राकृतिक रूप से गहरे लाल रंग और आकार में लंबोतरा होता है। सामान्य के मुकाबले अधिक ठोस और रसीला होने के कारण मार्केट में इसकी खासी डिमांड रहती है। रासायनिक खादों और कीटनाशकों का छिड़काव न होने के चलते यह ऑर्गेनिक सेब की श्रेणी में आता है। परंपरागत कूल्हों के पानी से किन्नौरी सेब के बगीचों की सिंचाई होती है। इसकी शेल्फ लाइफ सामान्य सेब के मुकाबले अधिक होती है, जिसके चलते यह जल्दी खराब भी नहीं होता।
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