कोविड सेंटर में महिला ने की आत्महत्या, बदइंतजामी की खुली पोल

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में डीडीयू कोविड केयर सेंटर में कोरोना मरीज महिला की खुदकुशी ने सूबे के सेंटर्स में व्यवस्थाओं की कलई खोल दी है। कोविड सेंटर्स में व्यवस्थाओं का हाल बदहाल है। हालांकि, कार्यवाहक एमएस डॉ एसएस नेगी ने मामले पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया है, लेकिन डीसी शिमला ने मामले पर संज्ञान लेते हुए एडीएम लॉ एंड ऑर्डर को जांच का जिम्मा सौंपा है। वह दस दिन में पांच बिन्दुयों पर रिपोर्ट सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना पॉजिटिव महिला ने क्यों अस्पताल के भीतर यह कदम उठाया है। वहीं अस्पताल के भीतर मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं पर भी जांच करने के निर्देश दिए हैं।
मौत पर परिजनों ने उठाए सवाल जांच की मांग
महिला की मौत को लेकर परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर कई सवाल उठाए हैं। महिला के देवर और भतीजे ने आरोप लगाया है कि चौपाल से डीडीयू अस्पताल में शिफ्ट करने के बाद उनकी भाभी परेशान थी, लेकिन उन्होंने यह कदम क्यों उठाया यह समझ से परे है। उन्होंने प्रबन्धन पर आरोप लगाया है कि अस्पताल में पर्याप्त सुविधा न मिलने के चलते यह कदम उठाया है। उनका कहना है कि रात साढ़े दस बजे उनकी भाभी ने उन्हें फ़ोन किया और कहा कि आज के बाद मुझे कॉल नहीं करना और न ही वे उनकी कॉल उठाएगी। जब उन्होंने उससे कारण जानना चाह तो भाभी न कुछ भी कहने से मना कर दिया और कॉल काट दी। उन्होंने प्रशासन से उचित जांच करने की मांग की है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
क्या है मामला
कोरोना के बढ़ते मामले के बीच शिमला के डेडिकेटेड कोविड अस्पताल से डीडीयू में कोरोना पॉजिटिव महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर कर ली। मंगलवार रात की यह घटना है। 12 बजे महिला ने फांसी लगाई थी। उपचार करने के लिए चौपाल की 54 साल की महिला को यहां लाया गया था। रात करीब 12.05 मिनट को महिला ने ग्रील से फंदा लगाया। 17 सितंबर को चौपाल अस्पताल से महिला को यहां रेफर किया गया था।
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