हिमाचल का एक ऐसा शिव मंदिर, जहां घर से भागकर आए प्रेमी जोड़ों की महादेव खुद करते हैं रक्षा

अपने प्यार की कहानी को मुकम्मल अंजाम तक पहुंचाने के लिए घर छोड़कर निकले दुनिया भर के प्रेमियों को शिव के इस खास मंदिर में शरण मिल जाती है। भले ही घर से भागे ऐसे प्रेमियों को समाज में मदद ना मिल पाती हो, लेकिन माना जाता है कि इस मंदिर में महादेव खुद प्रेमी जोड़ों को आसरा और संरक्षण देते हैं। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बने इस पुरातन शिव मंदिर को सारे देश में शंगचूल महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है, जहां हर साल हजारों लोग दर्शन के लिए आते हैं।
महादेव मंदिर का परिक्षेत्र करीब 100 बीघे जमीन में फैला हुआ है
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बने शंगचूल मंदिर का परिक्षेत्र करीब 100 बीघे जमीन में फैला हुआ है। माना जाता है कि जो भी प्रेमी जोड़े घर से भागकर इस मंदिर में शरण लेने आते हैं, महादेव स्वयं उनकी रक्षा करते हैं। मान लिया जाता है कि ऐसे प्रेमी जोड़े जब तक मंदिर की सीमा में हैं, उनको उनके परिजन कुछ नहीं करते। इन सब के साथ जब तक परिवार दोनों की शादी के लिए राजी नहीं होता तब तक मंदिर के पुजारी ही उनकी देखभाल करते हैं।
अज्ञातवास के समय पांडवों ने भी यहां पर कुछ वक्त बिताया था
उत्तर भारत के तमाम हिस्सों से हजारों लोग हर साल इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि अज्ञातवास के समय पांडवों ने यहां पर कुछ वक्त तक समय बिताया था। स्थानीय कथाओं में ऐसा कहा जाता है कि अज्ञातवास में यहां रुके पांडवों का पीछा करते हुए कौरव भी वहां पहुंच गए थे। इसी दौरान शंगचूल महादेव ने कौरवों को रोका था और ऐसा आशीर्वाद दिया था कि जो भी इस मंदिर की शरण में आएगा समाज उसका कुछ नहीं कर सकेगा।
शिव करते हैं प्रेमी जोड़ों की रक्षा
लोक कथाओं के अनुसार शिव के ऐसे उपदेश को सुनकर कौरव वहां से लौट गए और तभी से ये मान्यता है कि जिन लोगों को समाज ठुकरा देते हैं उन्हें शरणार्थी बनाकर महादेव यहां उनकी रक्षा करते हैं। इस मंदिर में जब भी कोई प्रेमी जोड़ा घर से भागकर शरण लेने आता है, उसे यहां स्थान दिया जाता है। हालांकि मंदिर में प्रवेश के लिए काफी सख्त नियम भी बनाए गए हैं। जिस गांव में यह मंदिर है, वहां पुलिस को आने की अनुमति नहीं दी जाती है। इसके अलावा यहां पर शराब, हथियार और नशे के सामान का सेवन करना भी प्रतिबंधित है।
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