निजी बस संचालकों के आगे झुकी हिमाचल सरकार, बस किराये में 25 फीसदी की बढोत्तरी

कोरोना काल के बीच प्रदेश की जनता पहले से ही आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रही है। ऐसे में बसों का इतना ज्यादा किराया बढ़ाने से लोगों पर और बोझ पड़ेगा। इससे पहले भी किराया बढ़ाने की खबरें आई थी, लेकिन सरकार ने इन खबरों का खंडन किया था। लेकिन अब प्रदेश में आखिरकार बस किराये में इजाफा हो ही गया। सरकार एक तरह से निजी बस संचालकों के दबाव के आगे नतमस्तक हो गई है। हालांकि, सरकार ने 25 फीसदी किराया बढ़ाने का फैसला किया है। हिमाचल कैबिनेट ने शुक्रवार को बसों का किराया 25 फीसदी तक बढ़ाने को मंजूरी दी है।
कोरोना संकट के बीच हिमाचल की भाजपा सरकार ने आम जनता पर खूब बोझ डाला है। इससे पहले, बिजली दरों में वृद्धि की गई थी। बिजली के स्लैब में बदलाव के चलते बिलों में इजाफा किया था। ऐसे में आम जनता पर सरकार लगातार आर्थिक बोझ डाल रही है। दरअसल, कोरोना काल के दौरान एक जून से हिमाचल में बसों की सेवाएं शुरु हुई थी। हालांकि, बीते एक माह से प्राइवेट बस ऑपरेटर्स कुछ एक स्थानों पर ही बसें चला रहे थे और किराया बढ़ाने की मांग कर रहे थे। निजी बस ऑपरेटर बसों का किराया 50 फीसदी बढ़ाने की मांग कर रहे थे, हालांकि, तब बसों में 60 फीसदी सवारियां ही बिठाने की इजाजत थी। अब प्रदेश सरकार ने बसों में 100 फीसदी सवारियां बिठाने को मंजूरी है।
बावजूद निजी बस ऑपरेटरों की मांग पर प्रदेश सरकार ने 25 फीसदी बसों का किराया बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में किराया बढ़ाने को मंजूरी दी गई है। जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी होगी। उल्लेखनीय है कि परिवहन निगम की प्रदेश में 3300 बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं। इसके अलावा 3100 निजी बसें हैं। खर्च ज्यादा होने के कारण कई निजी ऑपरेटर बसें नहीं चला रहे हैं।
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