mausam ki jankari: हिमाचल में अलर्ट, 4 दिन भारी बारिश की संभावना

mausam ki jankari: हिमाचल में अलर्ट, 4 दिन भारी बारिश की संभावना
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mausam ki jankari: हिमाचल में 24 जुलाई से मॉनसून सीजन शुरू हो गया है। इस बार मौसम विभाग की तरफ से प्रदेश में पहले से ज्यादा बारिश होने की संभावना जताई गई है।

mausam ki jankari: हिमाचल में 24 जुलाई से मॉनसून सीजन शुरू हो गया है। इस बार मौसम विभाग की तरफ से प्रदेश में पहले से ज्यादा बारिश होने की संभावना जताई गई है। 18 और 19 जुलाई को हिमाचल के मध्य भागों में भारी बारिश होने की संभावना है, जबकि 19 जुलाई को हिमाचल के मैदानी भागों में भी भारी बारिश हो सकती है। 18 से 21 जुलाई के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। भारी बारिश की चेतावनी का देखते हुए हिमाचल सरकार ने प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। सभी जिलों के डीसी को मानसून से होने वाली आपदा से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।

हिमाचल के लिए आने वाला एक सप्ताह भारी रहने वाला है्। मौसम विभाग ने 4 दिन का अलर्ट जारी किया है। 18 और 19 जुलाई को येलो और 20 और 21 जुलाई को ऑरेंज अलर्ट है। किन्नौर औऱ लाहौल स्पीति को छोड़ कर पूरे प्रदेश यानी दस दिलों में भारी बारिश और तूफान आने की चेतावनी जारी की गई है। 23 जुलाई तक प्रदेश में लगातार मौसम खराब रहेगा। नदी-नालों में जल स्तर और बढ़ सकता है। इसके अलावा, भू स्खलन और पेड़ गिरने जैसी घटनाएं हो सकती हैं। लोगों को सावधान रहने के निर्देश दिए गए हैं। आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने कहा कि इस बार सरकार की ओर से पहले ही विस्तृत बैठक वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सभी जिलों के डीसी के साथ की गई है। ताजा आदेशों में भी सभी डीसी को जिला इमरजेंसी आपरेशन सेंटर को 24 घंटे एक्टिवेट रखने को कहा गया है। नदी-नालों के जल स्तर बढ़ाने के साथ-साथ भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं पर भी नजर बनाए रखने को कहा गया है। तमाम उपकरण भी तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण रोजाना की रिपोर्ट जिला प्रशासन से मांग रहा है।

मॉनूसन सीजन में प्रशासन को पहले केवल आपदा से निपटना होता था। लेकिन इस बार कोरोना महामारी ने भी जहां परेशानी खड़ी की है। तो वहीं अब स्वास्थ्य से जुड़ी आपदा के साथ-साथ प्राकृतिक आपदा से लड़ना भी चुनौती होगा। हिमाचल में हर साल मानूसन सीजन में अरबों रूपये बरसात की भेंट चढ़ जाते हैं। कई जिंदगियां भी काल का क्रास बनती हैं। प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन ओंकार शर्मा ने कहा कि इस बार हमें बदली हुई परिस्थितियों में काम करना होगा, जिसके लिए सरकार पूरी तरह तैयार है।

चीन के तिब्बत क्षेत्र में बनी पारछू झील से हिमाचल को अभी कोई खतरा नहीं है। झील से पानी का प्रवाह सामान्य बना हुआ है। हिमाचल प्रदेश जलवायु परिवर्तन केंद्र ने इसका खुलासा किया है। केंद्र ने सेटेलाइट तस्वीरों और डाटा का विश्लेषण किया है। झील में पानी की मात्रा सामान्य बनी हुई है। हालांकि, नदी के दाएं हिस्से में पानी का संचय देखा जा रहा है, जिससे भूस्खलन हो सकता है। संयुक्त सदस्य सचिव विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद निशांत ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि झील के जमने तक इस पर नियमित निगरानी जरूरी है। हालांकि क्षेत्र में विकासात्मक निर्माण गतिविधियां बढ़ गई हैं। गौरतलब है कि 2005 में लैंड स्लाइड के चलते सतलुज नदी में बाढ़ आ गई थी। पारच्छू का पानी तिब्बत से निकलकर हिमाचल में सतलुज में आकर मिलता है।

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