मानकों पर खरा नहीं उतरा बद्दी-पांवटा-ऊना के उद्योगों में बना सामान, 11 दवाओं के सैंपल फेल

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में हिमाचल के 11 दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं व सेनेटाइजर गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतर पाए हैं। प्रदेश के तीन उद्योगों में निर्मित हैंड सेनेटाइजर व आठ उद्योगों में निर्मित दवाएं सबस्टैंडर्ड पाई गई हैं। ये उद्योग बद्दी, पावंटा साहिब व ऊना में स्थापित हैं। इसके अलावा सीडीएससीओ की पड़ताल में गुजरात, बंगलूरू, कोलकाता, तेलंगाना, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश स्थित 23 दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं, सेनेटाइजर और चीन में निर्मित स्टंट भी जांच में घटिया निकला है।
सबस्टैंडर्ड पाई गई दवाओं में गैस्ट्रिक, बुखार, कैल्शियम, विटामिन, एलर्जी, हाई बीपी, फंगल इन्फेक्शन, तनाव, हृदय रोग के उपचार की दवाएं शामिल हैं। बता दें कि जुलाई में सीडीएससीओ ने देश भर के अलग-अलग राज्यों से 808 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे, जिनमें से जांच के दौरान 35 दवाएं व अन्य उत्पाद सबस्टैंडर्ड पाए गए, जबकि 773 दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर सही पाई गई हैं।
ये सैंपल हुए फेल
सीडीएससीओ के जुलाई के ड्रग अलर्ट में हिमाचल के 11 दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं व सेनेटाइजर सबस्टैंडर्ड पाए गए हैं। हिमाचल में बनी दवाओं में गैस्ट्रिक की दवा जोनेरब, बुखार व दर्द निवारक दवा जैपारा-एक्सटी, हाई बीपी की दवा रेमिगल 5, सेनेजर हैंड सेनेटाइजर, एमेजिसक, फल्यूकोजोल इंजेक्शन, एस्टिलोप्राम, कार्वीडलोल, कैल्शियम विटामिन-डी टैबलेट, एडीश्योर सेनेटाइजर व मेडिप्लस सेनेटाइजर के सैंपल अधोमानक पाए गए हैं।
उद्योगों को नोटिस जारी
सीडीएससीओ के ड्रग अलर्ट के बाद राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने हरकत में आते हुए संबंधित दवा उद्योगों को नोटिस जारी कर बाजार से फेल हुए दवा उत्पादों का पूरा बैच हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसके अलावा प्राधिकरण द्वारा सबंधित क्षेत्रों के दवा निरिक्षकों को उद्योगों का निरिक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के भी निर्देश जारी किए हैं। दवाइयों के ये सैंपल सीडीएससीओ बद्दी, गाजियाबाद, जे एंड के ने जांच के लिए जुटाए थे, जिनका सीडीएल की लैब में परीक्षण करवाया गया, जहां आठ दवाएं व तीन सेनेटाइजर सबस्टैंडर्ड निकले हैं।
तुरंत हटाएं पूरा स्टॉक
राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण के डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि संबंधित फार्मा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उन्हें सबस्टैंडर्ड दवा का पूरा स्टॉक बाजार से हटाने के आदेश दे दिए गए हैं। इसके अलावा संबंधित क्षेत्रों के दवा निरिक्षकों को इन तमाम उद्योगों का निरिक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
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