हिमाचल में बारिश और बर्फबारी से सेब बागबानों के चहरे खिले

हिमाचल में बारिश और बर्फबारी से सेब बागबानों के चहरे खिले
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हिमाचल प्रदेश के किसान पिछले एक माह से बारिश ना होने से परेशान थे। लेकिन अब बारिश होने से किसानों और बागबानों को बड़ी राहत मिली है। वहीं सेब बागबानों को बर्फबारी से खुश हैं। आपको बता दें की कल हुई भारी बर्फबारी और बारिश से किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश के किसान पिछले एक माह से बारिश ना होने से परेशान थे। लेकिन अब बारिश होने से किसानों और बागबानों को बड़ी राहत मिली है। वहीं सेब बागबानों को बर्फबारी से खुश हैं। आपको बता दें की कल हुई भारी बर्फबारी और बारिश से किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि बागबानी के लिए यह संजीवनी साबित होगी। अब तक इस वर्ष बर्फबारी का दौर न तो लंबा खिंच पाया था और न ही जरूरतें पूरी कर पा रहा था। इस लिए किसानों को चिंता सता रही थी।

प्रदेश में ताजा बर्फबारी से बागबानों के चहरे तो खिले ही हैं लेकिन पारा भी शून्य से नीचे पहुंच गया है। जिससे लोगों को ठंड का सामना करना पड़ रहा है। वहीं खराब मौसम को देखते हुए एचआरटीसी महकमा फिर हरकत में आ गया है। हाल ही में बर्फ के कारण फंसी बसों के कारण परेशानी झेलने वाले निगम ने अब सुरक्षित स्थानों तक ही बसों को ले जाने के निर्देश दिए हैं। कुल्लू जिला के कृषि विज्ञान केंद्र बजौरा के प्रभारी डा. केसी शर्मा के अनुसार फसलों में बर्फबारी से नई जान आई है, तो फसलों को भी संजीवनी मिलेगी।

प्रदेश में मौसम के बदले मिजाज के बाद चिलिंग आवर्स पूरे होने की उम्मीद जगी है। आपको बता दें कि सेब के पौधों के लिए 1200-1400 घंटे के चिलिंग आवर्स की आवश्यकता रहती है। सेब सहित अन्य फलदार पौधे चिलिंग आवर्स के लिए न्यूनतम तापमान सात डिग्री से नीचे रहने की आवश्यकता रहती है। ताजा हिमपात के बाद अब चिलिंग आवर्स के पूरे होने उम्मीदें जगी है। बारिश होने से सेब के बागबानों को अधिक लाभ मिलेगा।

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