लकवाग्रस्त पिता नहीं दे सके फीस तो स्कूल प्रशासन ने बहन-भाई की रोकी पढ़ाई

लकवाग्रस्त पिता नहीं दे सके फीस तो स्कूल प्रशासन ने बहन-भाई की रोकी पढ़ाई
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हिमाचल प्रदेश (Himachal pradesh) के ऊना जिले में एक प्राइवेट स्कूल (Private school) की मनमानी का मामला समाने आया है। आपको बता दें कि प्राइवेट स्कूल ने भाई-बहन की फीस (School Fees) न आने पर पढ़ाई को रोक दिया।

हिमाचल प्रदेश (Himachal pradesh) के ऊना जिले में से एक प्राइवेट स्कूल (Private school) की मनमानी का मामला समाने आया है। आपको बता दें कि प्राइवेट स्कूल ने दो नन्हें-मुन्नें भाई-बहन की फीस (School Fees) ना आने पर उन्हें एक साल पढ़ाई से वंचित रहना पड़ा है। यही नहीं सरकारी स्कूल में दाखिला लेने के लिए प्राइवेट स्कूल ने लीविंग सर्टिफिकेट भी देने से इनकार कर दिया है। प्राइवेट स्कूल के इस कारनामे से दोनों बच्चों का भविष्य अंधकार में डूबता जा रहा है। मामला शिक्षा विभाग (Himachal Pradesh Education) के संघान में आने के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुबातिक, पहली कक्षा में पढ़ने वाली वंशिका (6) और चौथी का छात्र अनमोल (9) पुत्र सतीश कुमार तहसील ऊना की झलेड़ा पंचायत के रहने वाले हैं। इनकी देखभाल 85 वर्षीय वृद्ध दादी कमला करती हैं। कमला देवी का बेटा अशोक कुमार (65) लकवाग्रस्त है। परिवार को खाना, राशन और अन्य जरूरत का सामान लोगों की मदद से मिल रहा है। परिवार की मदद करने वाली चंचला देवी ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई लोगों की मदद से चल रही थी।

प्राइवेट स्कूल की सत्र 2019-20 की फीस जमा न होने पर स्कूल प्रबंधन ने सत्र 2020-21 में दोनों बच्चों की पढ़ाई बंद कर दी। एक साल से बच्चों को कुछ भी नहीं पढ़ाया गया। स्कूल प्रबंधन ने इन्हें ऑनलाइन कक्षा से भी नहीं जोड़ा। बच्चों की पढ़ाई के लिए बड़का भाऊ टीम ने एक फोन दिया था।

वहीं निजी स्कूल प्रबंधन से बच्चों की परिस्थितियों को समझते हुए स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र जारी करने की मांग की है। उधर, प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक देवेंद्र चंदेल ने कहा कि मामला मीडिया से पता चला है। स्कूल प्रबंधन से बात की जाएगी और समस्या का समाधान किया जाएगा। मामले का तूल पकड़ता देख स्कूल प्रबंधन समाधान की तरफ कदम बढ़ाने लगा है।

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