हिमाचल न्यूज़: रसूखदारों को लाभ पहुंचाने के लिए गांवों की तरफ मोड़ा फोरलेन का रुख

रसूखदारों को लाभ पहुंचाने के लिए कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन का रुख गांवों की तरफ मोड़ा गया है। आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर डडौर-चक्कर बाईपास बदलकर गांव दौंधी और बगला की तरफ किया गया है। इससे एनएचएआई को करीब 200 करोड़ रुपये की चपत लगने का दावा किया गया है। कहा गया है कि इसकी कीमत ग्रामीणों को घर और जमीनें देकर चुकानी पड़ी है। मुआवजे के नाम पर भी अन्याय हुआ है। दौंधी गांव में ही कुछ लोगों को एक करोड़ प्रति बीघा तथा कुछ लोगों को 30 लाख बीघा भूमि का मुआवजा दिया गया है। तथ्यों सहित इस तरह की शिकायतें प्रधानमंत्री कार्यालय में पहुंच गई हैं। यहां से भूतल परिवहन मंत्रालय को जांच के निर्देश दिए गए हैं। एनएचएआई के चेयरमैन को मामले की जांच के लिए लिखा गया है।
नागचला तक बन रही सड़क में लेटलतीफी और रसूखदारों को अनुचित फायदा पहुंचाने की शिकायत शिमला स्थित सीबीआई कार्यालय पहुंची है, लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ी है। कानूनी सलाहकार एवं पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बीआर कौंडल ने कहा कि जनहित का यह मामला प्रधानमंत्री व भूतल परिवहन मंत्री के ध्यान में लाया गया है। सीबीआई के पास भी शिकायत लंबित है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सड़क का निर्माण युद्ध स्तर पर पूरा किया जाए। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमन रौहेला ने कहा कि उनके चार-पांच माह के कार्यकाल में ऐसा कोई भी मामला या शिकायत सामने नहीं आई है। यह शिकायत पहले की हो सकती है। उन्होंने अभी हाल ही में ज्वाइन किया है। काम प्रगति पर है। जो अलाइनमेंट फाइनल हुई है, उसी पर काम चल रहा है। नियमों की पूरी पालना हो रहा है।
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