प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थलों पर शीघ्र शुरू होगी प्रीपेड टैक्सी सुविधा

प्रदेश सरकार पर्यटकों व स्थानीय लोगों की सुरक्षा व सुविधा के लिए प्रदेश के सभी प्रमुख पर्यटक स्थलों पर प्रीपेड टैक्सी सुविधा उपलब्ध कराएगी। प्रीपेड टैक्सी में यात्रियों को प्रति सीट बुकिंग की सुविधा मिलेगी। परिवहन विभाग ने आईटी विभाग के साथ मिलकर एक नया ऐप तैयार किया है। इस ऐप के माध्यम से टैक्सी पुलिंग की भी सुविधा मिलेगी। पर्यटकों व स्थानीय लोगों को टैक्सियों में एक-एक सीट बुक करने की भी सुविधा होगी। ट्रैफिक एप से शीघ्र यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। फिलहाल प्रदेश की कई टैक्सी यूनियन में प्रीपेड सेवा मैनुअल तरीके से चल रही है। हिमाचल में पहली बार ऑनलाइन प्रीपेड टैक्सी सेवाएं शुरू होंगी। इससे पहले हिमाचल की विभिन्न टैक्सी यूनियन मैनुअल पर्ची काट कर प्रीपेड टैक्सी सेवाएं दे रहीं थीं।
हिमाचल में प्रथम चरण में यह योजना शिमला से शुरू हाेगी और उसके बाद पूरे प्रदेश में यह सेवा शुरू की जाएगी। हिमाचल के सभी प्रमुख पर्यटक स्थलों पर प्रीपेड टैक्सी बूथ बनाए जाएंगे। अब आम जनता और पर्यटकों को पूरे प्रदेश में सस्ती एवं सुरक्षित परिवहन सुविधा मिल जाएगी। हिमाचल में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं और अभी इन पर्यटकों को स्थानीय पर्यटक स्थलों पर घूमने के लिए अपने स्तर पर टैक्सी की व्यवस्था करनी होती है। इसके चलते कई बार उनके साथ ठगी और अन्य घटनाएं भी हो जाती हैं। इसी को देखते हुए अब परिवहन विभाग ने पूरे प्रदेश के लिए प्रीपेड टैक्सी नीति का प्रारूप तैयार कर लिया है जिसे आगामी दिनों में आयोजित होने वाली कैबिनेट मीटिंग में अंतिम मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
परिवहन विभाग की कवायद रंग लाई तो पर्यटकों के अलावा आम जनता को भी फायदा पहुंचेगा। इससे बाहरी प्रदेशों से हिमाचल आने वाले पर्यटक अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे। प्रीपेड टैक्सी किराए में पारदर्शिता आएगी और बाहरी तत्वों द्वारा पर्यटकों से की जा रही लूट-खसूट भी रूकेगी। पोस्टपेड के बजाए प्रीपेड टैक्सी ज्यादा सस्ती पड़ती है। इसमें पहले से ही तय कर लिया जाता है कि कहां जाना है और कितने पैसे होंगे। तो फिर बाद में न तो कस्टमर न ही ड्राइवर पैसे के लिए मुकर सकता है और कस्टमर को संतुष्टि होती है।
प्रदेश में शीघ्र ही पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स (पीजीटी) परिवहन विभाग दवारा एकत्रित किया जाएगा। परिवहन विभाग ने इसका प्रारूप तैयार कर अंतिम अनुमति के लिए प्रस्तावित कैबिनेट मीटिंग के लिए भेजा है। कमर्शियल वाहनों के संचालकों को अब भविष्य में पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स जमा करने के लिए अब आबकारी एवं कराधान विभाग के कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा। आबकारी एवं कराधान विभाग कमर्शियल वाहनों का पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स जमा करता था लेकिन इसके लिए अलग से ऑनलाइन टैक्स जमा करवाने की सुविधा नहीं थी। जिसके चलते कमर्शियल वाहनों के संचालकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। यही नहीं वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते परिवहन विभाग ने टोकन टैक्स में जो छूट देने की अधिसूचना जारी की है। उसके तहत पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स में कोई भी छूट नहीं है। कमर्शियल वाहनों को पेश आ रही इसी समस्या के निदान के लिए यह नई निति बनाई गई है।
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