कोरोना की वजह से हिमाचली प्लम को नहीं मिल रहे दाम, कारोबारी परेशान

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में कोरोना महामारी के चलते हिमाचली प्लम (Himachali Plum) को इस साल अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं। अच्छे दाम नहीं मिलने से कारोबारी (Businessman) परेशान हैं। सीजन की शुरुआत में बीते साल के मुकाबले प्लम के दाम करीब 20 से 25 फीसदी कम हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली और मुंबई सहित महानगरों में लॉकडाउन के चलते डिमांड कम होने से दामों में तेजी नहीं आ पा रही है। सीजन की शुरुआत में रिकॉर्ड दामों पर बिकने वाले हिमाचली प्लम को इस साल अच्छी शुरुआत नहीं मिल रही है।
कोरोना संकट के चलते बड़े शहरों में लगे लॉकडाउन के कारण रेहड़ी-फड़ी पर फल नहीं बिक रहे। इस कारण डिमांड कम चल रही है। रेड ब्यूट किस्म का प्लम मार्केट में पहुंचना शुरू हो गया है। कोटगढ़ के प्लम उत्पादक अनूप भलेईक का कहना है कि बीते साल के मुकाबले सीजन की शुरुआत में प्लम के रेट करीब 25 फीसदी कम हैं।
पिछले साल सीजन की शुरुआत में प्लम 100 से 125 रुपये प्रति किलो बिका था। इस साल रेट 90 से 95 रुपये प्रति किलो हैं। हिमाचल प्लम ग्रोवर्स फोरम के संस्थापक दीपक सिंघा का कहना है कि कोरोना के चलते देश में लगे लॉकडाउन से सीजन की शुरुआत में प्लम को बहुत अच्छे रेट नहीं मिल रहे हैं।
इस समय रेड ब्यूट किस्म का प्लम मार्केट में आने लगा है। इसके बाद सेंटा रोजा मार्केट में आएगा। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में प्लम को बेहतर रेट मिलेंगे। ढली मंडी आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश ठाकुर ने कहा कि देश के बड़े शहरों में लॉकडाउन के कारण प्लम की डिमांड कम है। इससे सीजन की शुरुआत में रेट 50 से 90 रुपये प्रति किलो है। आने वाले दिनों में यदि हालात सुधरते हैं तो जरूर प्लम के दामों में तेजी आएगी।
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