ग्रेट हिमालय पार्क में दिखे तीन बर्फानी तेंदुए, शावकों को देखते ही हरकत में आया पार्क प्रबंधन

ग्रेट हिमालय पार्क में दिखे तीन बर्फानी तेंदुए, शावकों को देखते ही हरकत में आया पार्क प्रबंधन
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विश्व धरोहर साइट ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में एक साथ तीन स्नो लैपर्ड यानी बर्फानी तेंदुए देखे गए हैं। पार्क क्षेत्र में लगे 30 कैमरा ट्रैप साइटों में से 11 साइटों पर 19 अलग-अलग जगह बर्फानी तेंदुए के तीन शावक खेलते हुए दिखे हैं।

विश्व धरोहर साइट ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में एक साथ तीन स्नो लैपर्ड यानी बर्फानी तेंदुए देखे गए हैं। पार्क क्षेत्र में लगे 30 कैमरा ट्रैप साइटों में से 11 साइटों पर 19 अलग-अलग जगह बर्फानी तेंदुए के तीन शावक खेलते हुए दिखे हैं। सीसीटीवी कैमरों में इनकी हलचल कैद होने से पार्क प्रबंधन हरकत में आ गया है। विभाग ने फिलहाल 11 कैमरों को खंगाला है और उसमें विलुप्त की श्रेणी में दर्ज बर्फानी तेंदुए के तीन शावक दिखे हैं।

दो शावकों को एक साथ देखा गया है, जिससे यहां किसी मादा तेंदुए की प्रजनन की संभावना जताई जा रही है। साथ ही इस क्षेत्र में कुछ वयस्क तेंदुए होने की उम्मीदों को भी बल मिला हैं। देश-दुनिया के वन्य प्राणी प्रेमियों के लिए यह खुशखबरी है। 1700 वर्ग किलोमीटर में फैले ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में अरसे से बर्फानी तेंदुओं की मौजूदगी के सबूत मिल रहे थे। इस बात को पुख्ता करने के लिए वन विभाग ने नेचर कंजरवेशन फाउंडेशन के साथ मिलकर 50 सीसीटीवी कैमरे पार्क के अलग-अलग क्षेत्रों में लगाए थे। जुलाई के पहले सप्ताह में पार्क के अंदर लगाए कुछ कैमरों की जांच की गई, तो उनमें बर्फानी तेंदुए की हलचल कैद हुई थी। इसके बाद वाइल्ड लाइफ विंग अब अन्य जगहों पर लगाए गए कैमरों की जांच कर रहा है। तीर्थन घाटी सहित सैंज, जीवानाला, खीर गंगा आदि क्षेत्रों में यह सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं।

जानकारों की मानें तो बर्फानी तेंदुए 3500 से 4000 मीटर की ऊंचाई पर रहते हैं, लेकिन कई बार बर्फबारी के दौरान निचले क्षेत्रों में भी आ जाते हैं। जिस क्षेत्र में शावक सीसीटीवी कैमरे में दिखे हैं, वह 3000 मीटर के आसपास की ऊंचाई का क्षेत्र बताया जा रहा है। विभाग सभी फुटेज खंगालने के बाद यह जांच करेगी कि शावकों की कुल संख्या कितनी हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो विश्व भर में बर्फानी तेंदुआ प्रजाति की संख्या 5000 से भी कम है, तो वहीं भारत में इनकी संख्या महज 200 से 500 तक है। यह हिमाचल प्रदेश का राज्य पशु है।

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