किसान आंदोलन के चलते एचआरटीसी को लाखों की चपत, दिल्ली नहीं पहुंच पा रही HRTC की बसें

किसान आंदोलन के चलते एचआरटीसी को लाखों की चपत, दिल्ली नहीं पहुंच पा रही HRTC की बसें
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एचआरटीसी को कोरोना काल और अब किसान आंदोलन के चलते लाखों की चपत लग चुकी है। हिमाचल पथ परिवहन निगम पर दिल्ली में चल रहा किसान आंदोलन भारी पड़ता जा रहा है।

एचआरटीसी को कोरोना काल और अब किसान आंदोलन के चलते लाखों की चपत लग चुकी है। हिमाचल पथ परिवहन निगम पर दिल्ली में चल रहा किसान आंदोलन भारी पड़ता जा रहा है। किसान आंदोलन के चलते दिल्ली के लिए एचआरटीसी की सभी बस सेवाएं बंद पड़ी हुई हैं। बस सेवा के बंद होने निगम को रोजाना लाखों की चपत लग रही है। दिल्ली के लिए बस सेवा बहाल होने के बाद निगम द्वारा 24 रूटों पर बस सेवा उपलब्ध करवाई जा रही थी। लॉकडाउन के चलते पहले ही निगम को करोड़ों की चपत लग चुकी है। अब दिल्ली में किसान आंदोलन के चलते सभी रूटों पर बस सेवा बंद पड़ी हुई है।

दिल्ली को बस सेवा बंद होने से एचआरटीसी को प्रतिदिन 20 लाख का घाटा हो रहा है। आंदोलन से पहले तक दिल्ली को जानी वाली बसों में ऑक्यूपेंसी दर बेहतर चल रही थी, जिससे निगम का अच्छी इनकम हो रही थी, मगर आंदोलन के बाद बस सेवा बंद होने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि कोविड काल में दिल्ली सरकार से बसों को मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश से दिल्ली के लिए बस सेवा तो शुरू हुई, लेकिन इसके कुछ ही दिनों के बाद किसान आंदोलन शुरू हो गया।

इससे निगम प्रबंधन ने फिर से दिल्ली को बसें न भेजने का निर्णय लिया और 26 नवंबर के बाद दिल्ली के बस सेवा बंद है। निगम प्रबंधन को कोरोना काल में पहले ही 450 करोड़ का घाटा हो चुका है। अब दिल्ली के लिए बस सेवा बंद होने से निगम के घाटे के आंकड़ों में और उछाल आएगा। निगम प्रबंधन द्वारा प्रदेश के विभिन्न रूटों पर एचआरटीसी द्वारा बस सेवा उपलब्ध करवाई जा रही है, मगर प्रदेश में 50 फीसदी आक्यूपेंसी के साथ बसों के संचालन से अधिकतर रूटों पर निगम को घाटा हो रहा है।

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