शानदार पर्यटक स्थलों में से एक है जाखू हिल्स, संजीवनी बूटी लेने जाते समय यहीं रूके थे हनुमान जी

शानदार पर्यटक स्थलों में से एक है जाखू हिल्स, संजीवनी बूटी लेने जाते समय यहीं रूके थे हनुमान जी
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हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की सबसे ऊंचीं चोटी जाखू हिल्स में भी जमकर बर्फबारी हुई है। बताया जाता की त्रिरेता युग में हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने जाते समय इस ही पहाड़ी पर रूके थे। शिमला का हनुमान जी का जाखू मंदिर देश भर के धार्मिक पर्यटन स्थलों में से एक है।

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की सबसे ऊंचीं चोटी जाखू हिल्स में भी जमकर बर्फबारी हुई है। बताया जाता की त्रिरेता युग में हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने जाते समय इस ही पहाड़ी पर रूके थे। शिमला का हनुमान जी का जाखू मंदिर देश भर के धार्मिक पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां 108 फीट ऊंची हनुमान जी की मुर्ति लगी हुई है। बताया जाता है कि इस मुर्ति को अमिताभ बच्चन की बेटी के परिवार ने बनवाया है।

आपको बता दें कि शिमला मुख्य शहर से 7 कि. मी और रिज से दो कि. मी की दूरी पर स्थित जाखू हिल्स शिमला की सबसे ऊंची चोटी है, जो हिमालय के शानादर दृश्य प्रदर्शित करने का काम करती है। 2455 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह पहाड़ी, शहर के मुख्य पर्यटन स्थलों में भी गिनी जाती है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बताया जाता हैं की जब लंका के राजा रावण के पुत्र इद्रजीत ने लक्षमण को शक्ति मार दी थी तो, हनुमान जी उनके लिए संजीवनी बूटी लेने जाते समय इस स्थान पर रूके थे। तब उन्होंने जाखू पहाड़ी पर विश्राम किया था। थोड़ी देर विश्राम करने के बाद हनुमान अपने साथियों को यहीं छोड़कर अकेले ही संजीवनी बूटी लाने के लिए निकल पड़े थे।

हालांकि हनुमान जी जब संजीवनी बूटी लेकर लौट रहे थे तो उनका उस समय एक दानव से युद्ध हो गया और वे जाखू पहाड़ी पर नहीं जा पाए। माना जाता है कि वानर साथी इसी पहाड़ी पर बजरंग बली के लौटने का इंतजार करते रहे। इस मंदिर को हनुमान जी के पैरों के निशान के पास बनाया गया है। खास बात यह भी है कि इस मंदिर को रामायण काल के समय का बताया जाता है।

आपको बता दें कि यह मंदिर शिमला से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर यह सुंदर मंदिर स्थित है। जाखू मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति देश की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है। पर्यटक इस मंदिर पर बहुत अधिक संख्या में घुमने जाते हैं।

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