कोटखाई रेप-मर्डर केस: आरोपी नीलू चरानी दोषी करार, 2017 में दिया था वारदात को अंजाम

कोटखाई रेप-मर्डर केस: आरोपी नीलू चरानी दोषी करार, 2017 में दिया था वारदात को अंजाम
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हिमाचल की राजधानी शिमला (Shimla) के बहुचर्चित कोटखाई रेप और मर्डर केस (गुडिया मामला) में आरोपी नीलू चरानी (Neelu Charani) को दोषी करार दे दिया गया है। शिमला की जिला कोर्ट ने बुधवार दोपहर बाद यह फैसला सुनाया है।

हिमाचल की राजधानी शिमला (Shimla) के बहुचर्चित कोटखाई रेप और मर्डर केस (गुडिया मामला) में आरोपी नीलू चरानी (Neelu Charani) को दोषी करार दे दिया गया है। शिमला की जिला कोर्ट ने बुधवार दोपहर बाद यह फैसला सुनाया है। हालांकि, अभी कोर्ट (Court) ने सजा का ऐलान नहीं किया है। 11 मई को बहस के बाद सजा का ऐलान किया जाएगा।

बताया जा रहा है कि अदालत में 14 अहम दलीलों में से 12 दलीलें दोषी के खिलाफ गईं। बुधवार को पूरे मामले की वुर्चुअली सुनाई हुई। आरोपी नीलू कंडा जेल से ऑनलाइन ही कोर्ट रूम से जुड़ा था। दोषी करार होने के बाद नीलू ने जज से कहा कि सर- मैंने रेप नहीं किया है, लेकिन जज ने नीलू की दलील को नहीं सुना और कहा कि आपने, रेप और मर्डर किया है। कोर्ट ने माना कि गुडिय़ा के शरीर पर मिले काटने के निशान और नीलू के डेंचर का मिलान भी हुआ है। वहीं, घटना के दौरान नीलू की मौजूदगी भी घटनास्थल के पास पाई गई है।

गुडिय़ा के परिजन सीबीआई जांच से असंतुष्ट

आपको बता दें कि सीबीआई जांच से असंतुष्ट गुडिया के परिजनों ने हाई कोर्ट में मामले की दोबारा जांच की मांग भी रखी है, जिसकी सुनवाई पहले नौ अप्रैल को डबल बेंच कोर्ट मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ के समक्ष हुई थी। मामले में दोबारा से जांच होगी या नहीं इसके लिए अगली सुनवाई तीन मई को निर्धारित की गई है। गुडिय़ा के परिजन सीबीआई जांच से असंतुष्ट है और मामले की फिर से जांच करने की मांग कर रहे हैं।

स्कूल से आने के बाद अचानक हो गई थी लापता

बता दें कि हिमाचल की राजधानी शिमला जिला के कोटखाई के महासू स्कूल की दसवीं कक्षा की छात्रा चार जुलाई 2017 को स्कूल से आने के बाद अचानक लापता हो गई थी। दो दिन बाद 6 जुलाई को उसकी लाश दांदी के जंगल में नग्न अवस्था में पाई गई। फोरेंसिक रिपोर्ट में छात्रा के साथ रेप के बाद हत्या की पुष्टि हुई थी। शुरुआत में शिमला पुलिस ने गैंगरेप की धाराओं में मामला दर्ज कर इस मामले की जांच की और पांच आरोपी भी गिरफ्तार किए, लेकिन एसआईटी जांच से जनता संतुष्ट नहीं हुई, जिसके चलते सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। ये पांचों आरोपी बाद में बेल पर छोड़ दिए गए थे और सीबीआई की ओर से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।

2018 में गिरफ्तार किया था नीलू चिरानी

वहीं 18 जुलाई, 2017 को कोटखाई थाने में एक आरोपी सूरज की संदिग्ध मौत के बाद जनाक्रोश भड़का। केंद्र की ओर से सीबीआई जांच को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाने और प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिती बिगड़ते देख सरकार सीबीआई जांच को लेक हाई कोर्ट गई और हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच करने के आदेश जारी किए। सीबीआई ने इस मामले में 13 अप्रैल, 2018 को एक नीलू नामक एक चिरानी को गिरफ्तार किया था और उसके खिलाफ जुलाई 2018 में कोर्ट में चालान पेश किया था। अब नीलू को दोषी करार दिया गया है।

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