Kotkhai Rape and Murder Case: चौथी बार टाली दोषी नीलू चरानी की सजा, इस दिन होगी अगली सुनवाई

Kotkhai Rape and Murder Case: चौथी बार टाली दोषी नीलू चरानी की सजा, इस दिन होगी अगली सुनवाई
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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के शिमला जिले (Shimla) में बहुचर्चित कोटखाई दुष्कर्म और मर्डर (Kotkhai Rape and Murder Case) मामले में दोषी पाए गए अनिल ऊर्फ नीलू की सजा पर एक बार फिर से सुनवाई टल गई है।

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के शिमला जिले (Shimla) में बहुचर्चित कोटखाई दुष्कर्म और मर्डर (Kotkhai Rape and Murder Case) मामले में दोषी पाए गए अनिल ऊर्फ नीलू की सजा पर एक बार फिर से सुनवाई टल गई है। मामले में चौथी बार लगातार सुनवाई टली है। कोविड (COVID-19) के बढ़ते मामलों के चलते जज ने मामले की सुनवाई टाली है। अब 8 जून को होने वाली सुनवाई में दोषी की सजा पर बहस होगी। दोषी नीलू को शिमला जि कोर्ट ने 28 अप्रैल को दोषी करार दिया था। इसके बाद कोर्ट ने 11 मई की तारीख सजा पर बहस के लिए रखी थी, लेकिन इस दिन सुनवाई 18 मई के लिए टाल दी गई। 18 मई को भी कोरोना चलते सुनवाई टली और 28 मई का दिन मुकर्रर हुआ। एक बार फिर से कोरोना की वजह से मुश्किलों को देखते हुए 3 जून का दिन तय किया गया। अब तीन जून को भी सुनवाई टल गई है।

बता दें कि शिमला जिले के कोटखाई के महासू स्कूल की दसवीं की छात्रा 4 जुलाई 2017 को स्कूल से आने के बाद अचानक लापता हो गई थी। दो दिन बाद 6 जुलाई को उसकी लाश शव दांदी के जंगल में नग्न अवस्था में मिली थी। फॉरेंसिक रिपोर्ट में छात्रा के साथ रेप के बाद हत्या की बात सामने आई थी। शुरूआत में शिमला पुलिस ने इसकी जांच की थी। गैंगरेप की धाराओं में मामला दर्ज किया था और पांच आरोपी भी गिरफ्तार किए थे। एसआईटी जांच से जनता संतुष्ट नहीं थी और सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। ये पांचों आरोपी बाद में बेल पर छोड़ दिए गए थे और सीबीआई की ओर से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।

वहीं साल 2017 की 18 जुलाई को कोटखाई थाने में एक आरोपी की संदिग्ध मौत के बाद जनाक्रोश भड़का और कई स्थानों पर उग्र प्रदर्शन हुए। कोटखाई थाना जला दिया गया था। केंद्र की ओर से सीबीआई जांच को लेकर स्थिती स्पष्ट नहीं हो पाई। इस बीच प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिती बिगड़ते देख सरकार सीबीआई जांच को लेकर हाई कोर्ट गई और हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच करने के आदेश जारी किए थे। सीबीआई ने इस मामले में 13 अप्रैल 2018 को एक नीलू नामक एक चिरानी को गिरफ्तार किया था और उसके खिलाफ जुलाई 2018 में कोर्ट में चालान पेश किया था। अब नीलू को दोषी करार दिया गया है।

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