हिमाचल में गेहूं खरीद सरकारी केंद्रों पर लगी लंबी लाइन, किसान परेशान

हिमाचल में गेहूं खरीद सरकारी केंद्रों पर लगी लंबी लाइन, किसान परेशान
X
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के किसान गेहूं (wheat) की फसल को सरकारी कांटे पर बेकने को उतावले हो रहे हैं लेकिन आलम यह है कि गेहूं खरीद केंद्रों के बार ट्रक्टरों की लंबी लाइन लगी हुई है।

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के किसान गेहूं (wheat) की फसल को सरकारी कांटे पर बेकने को उतावले हो रहे हैं लेकिन आलम यह है कि गेहूं खरीद केंद्रों के बार ट्रक्टरों की लंबी लाइन लगी हुई है। वहीं सरकार ने भी गेहूं खरीद की अंतिम तिथि 10 जून निर्धारित की है। जिससे किसान काफी परेशान हैं। प्रदेश के ऊना (Una) जिले के किसानों में गेहूं की फसल बेचने को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। हालात यह हैं कि जिले के हरोली उपमंडल स्थित एफसीआई के गोदाम (FCI Warehouse)के बाहर किसानों की लंबी कतारें लगी हुई हैं।

किसान ट्रैक्टर ट्रॉली और ट्रकों में अपना अनाज भरकर एफसीआई (FCI) को बेचने की तैयारी में बाहर डटे हुए हैं, लेकिन ग्रेडिंग प्रणाली के तहत गेहूं खरीदी के चलते सभी किसानों के गेहूं (Wheat) की खरीद हो पाना असंभव दिखाई दे रहा है। दूसरी ओर, प्रदेश सरकार की खरीद को लेकर डेडलाइन 10 जून को खत्म हो जाएगी, जिसके बाद एफसीआई खरीद नहीं करेगा। ऐसी स्थिति में किसान क्या करेंगे, इसे लेकर अफरातफरी के हालात पैदा हो गए हैं।

हालांकि, 8 जून तक एफसीआई के गोदाम में भी टोकन के आधार पर किसानों से गेहूं खरीदी जा रही थी, लेकिन अब वहां भी 'पहले आओ-पहले पाओ' के आधार पर किसानों से गेहूं खरीदने का क्रम शुरू कर दिया गया है। ऐसे में सैकड़ों क्विंटल गेहूं लेकर एफसीआई के गोदाम के बाहर खड़े किसानों के लिए उनकी फसल बेचना असंभव प्रतीत हो रहा है। किसानों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि गेहूं खरीद को लेकर दी गई डेडलाइन को बढ़ाया जाए, ताकि सभी किसान अपनी फसल एफसीआई को बेच सकें।

एफसीआई के गोदाम के बाहर सैकड़ों क्विंटल गेहूं लेकर बैठे किसान सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनकी फसल को खरीदा जाए, किसानों का कहना है कि उन्होंने भारतीय खाद्य निगम के गोदाम के कई चक्कर लगा दिए, 3 से 4 दिनों से भी ज्यादा समय से वह अपनी फसलों को लेकर मेन गेट के बाहर वाहनों में ही बैठे हुए हैं। यदि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा उनकी फसल को नहीं खरीदा गया तो उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसी परिस्थिति में उन्हें मजबूरन बिचौलियों के हाथों अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर होना पड़ेगा।

जिला परिषद ओंकारनाथ कसाना ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की जयराम सरकार किसानों की इस समस्या को देखते हुए गेहूं खरीद को लेकर दी गई डेडलाइन को बढ़ाए। किसान अपनी फसल एफसीआई को ही बेचना चाहते हैं। ऐसे में सरकार को भी इस और ध्यान देते हुए किसानों से वाजिब मूल्य में उनकी फसल खरीदनी चाहिए। ओंकारनाथ ने कहा कि सरकार जब किसानों को बिचौलियों से बचाने का प्रयास कर रही है तो इस दिशा में कारगर कदम भी उठाए जाने चाहिए।

भारतीय खाद निगम कांगड़ खरीद केंद्र के प्रभारी विकास काले ने कहा कि सरकार द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार 10 जून तक किसानों से उनकी फसल खरीदी जाएगी। उन्होंने बताया कि 8 जून तक का टोकन के आधार पर किसानों से ग्रेडिंग करने के बाद फसल खरीदी जा रही थी, लेकिन अब डेडलाइन को 2 दिन बचे हैं। ऐसे में किसानों को 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर गेहूं बेचने का मौका दिया जा रहा है। हालांकि, काफी सारे किसान अभी गोदाम के बाहर फसलें लेकर खड़े हैं। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया जितना संभव हो सकेगा, किसानों की फसल 2 दिनों में खरीदी जाएगी।

Tags

Next Story