Mausam ki jankari: हिमाचल से लेकर जम्मू-कश्मीर बर्फ की वादियों से ढका, ऊंचाई वाले इलाकों में अलर्ट जारी

Mausam ki jankari: हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के पहाड़ बर्फ की वादियों से ढक गए हैं। पहाड़ों पर इतनी संख्या में हुई बर्फबारी से मैदनी क्षेत्रों में ठिठुरन बढ़ गई है। वहीं हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी ने जनजीवन की रफ्तार रोक दी है। ताजा बर्फबारी के बाद प्रदेश में काफी संख्या में सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई है। इससे राज्य के कई स्थानों पर लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी के तहत हिमाचल में ताजा हिमपात से 206 सड़कों पर वाहनों के पहिए थम गए हैं। राज्य में 206 ग्रामीण सड़कों के साथ-साथ कुल्लू में 2 नेशनल हाईवे और उदयपुर में स्टेट हाईवे यातायात के लिए ठप है।
बर्फबारी के चलते शनिवार सुबह के समय प्रदेश में 278 सड़के बंद थीं, लेकिन देर शाम तक 72 सड़कों को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया था, जबकि प्रदेश में अभी भी 206 सड़कों पर वाहनों के पहिए हमें हुए हैं। लाहुल-स्पीति में सबसे ज्यादा 140 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हैं। इसके अलावा किन्नौर में चार, चंबा में आठ, कुल्लू में 28, कुल्लू में रोहतांग नेशनल हाईवे सहित जलोड़ी एनएच-305 भी बंद पड़ा हुआ है। उदयपुर में स्टेट हाई-वे-26 भी बर्फबारी के चलते बंद रहा। वहीं, मंडी में दो और शिमला में 24 मार्गों पर वाहनों की आवाजाही नहीं हो पाई। लोक निर्माण विभाग द्वारा बर्फबारी के चलते बंद हुई सड़कों को बहाल करने के लिए मशीनें तैनात कर दी गई है। विभाग द्वारा बंद पड़ी सड़कों को खोलने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। विभाग का दावा है कि सड़कों को जल्द ही बहाल कर दिया जाएगा।
चूड़धार में डेढ़ फुट ताजा हिमपात
सिरमौर जिले की सबसे ऊंची चोटी व समुद्र तल से लगभग 11885 फुट की ऊंचाई पर स्थित चूड़धार में शनिवार को सीजन का चौथा हिमपात हुआ। रविवार सुबह करीब चार बजे से चूड़धार में बर्फबारी का सिलसिला शुरू हुआ, जबकि मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्र नौहराधार व हरिपुरधार क्षेत्र के चाबधार, जौ का बाग व थियान बाग आदि में दो इंच बर्फबारी दर्ज की गई। खबर लिखे जाने तक चूड़धार में डेढ़ फुट बर्फबारी दर्ज की गई जब कि एक फुट के करीब पिछली बर्फ भी जमी पड़ी है।
Jammu Kashmir Weather Today : बर्फबारी से गुलजार हुई घाटी, वैष्णो देवी में त्रिकुटा की पहाड़ियों पर हुई बर्फबारी
बर्फबारी से जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल गुलजार हो गए हैं। कोविड महामारी और लाकडाउन झेलने के बाद सफेद चादर बिछने से पर्यटकों के आने की आस बढ़ी है। कई पर्यटन स्थलों पर सैलानियों ने रुख करना भी शुरू कर दिया है। श्री माता वैष्णो देवी में त्रिकुटा की पहाड़ियों और श्रीनगर में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। नत्थाटॉप, पटनीटॉप सहित अन्य पर्यटक स्थलों पर भी सफेद चादर बिछ गई है। इस बीच जवाहर टनल पर बर्फबारी और रामबन के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग 12 घंटे बंद रहा। जोजिला दर्रा पर बर्फबारी से श्रीनगर-लेह और राजोरी व पुंछ को शोपियां (कश्मीर) से जोड़ने वाला मुगल रोड अभी नहीं खुल पाया है। पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी से कई संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं।
ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में तड़के बर्फबारी हुई। यहां पिछले चौबीस घंटे में रुक रुक कर बारिश भी जारी रही, हालांकि शनिवार को मौसम में सुधार भी हुआ। जिला डोडा के गुरमाल गांव में भारी बारिश से फंसे आठ परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। जिला पुंछ के पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी हुई है। जम्मू में दिनभर बादल छाए रहे। इससे तापमान में गिरावट आई है।
Uttarakhand Weather : जन्नत से कम नहीं बर्फ से लकदक चकराता की खूबसूरत वादियां
उत्तराखंड में मौसम ने करवट बदली तो जौनसार बावर की ऊंची चोटियों पर मौसम का तीसरा हिमपात हुआ। हिमपात होने के साथ ही पूरा इलाके में कड़ाके की ठंड बढ़ गई है। बर्फ से लकदक ऊंची चोटियां पर्यटकों को खासा आकर्षित कर रही हैं। रविवार को चकराता का अधिकतम तापमान आठ डिग्री और न्यूनतम शून्य डिग्री दर्ज किया गया। वहीं सुबह गुनगुनी धूप खिली तो बर्फ के आगोश में समाई वादियां और भी खूबसूरत नजर आई।
चकराता में लोखंडी, मोयला टॉप, देववन, खंडबा, मुंडाली, व्यास शिखर समेत ऊंची चोटियों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली। बर्फबारी के चलते चकराता क्षेत्र में घना कोहरा छाया रहा। जगह-जगह लोग ठंड से बचाव के लिए अलाव और हीटर तापते नजर आए। मौसम साफ होने के बाद पर्यटक बर्फबारी का लुत्फ उठाने के लिए लोखंडी का रुख करते नजर आए। लोखंडी में दो-तीन इंच और अन्य ऊंची चोटियों पर छह इंच तक बर्फबारी हुई है।
जनजातीय क्षेत्र में हुई बर्फबारी बागवानों और काश्तकारों के लिए मुनाफे का सौदा होगी। बारिश होने से लंबे समय तक जमीन में नमी बनी रहेगी। बर्फबारी सेब, खुमानी, आड़ू की फसल के लिए खासा लाभदायक है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS