Mausam Ki Jankari: हिमाचल में नवंबर में हुई अधिक बर्फबारी, ग्लेशियरों को मिली नई ताकत

Mausam Ki Jankari: हिमाचल में नवंबर में हुई अधिक बर्फबारी,  ग्लेशियरों को मिली नई ताकत
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Mausam ki jankari:हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बर्फबारी से ऊंचाई वाले इलाकों में इस बार नवंबर में सबसे ज्यादा बर्फबारी हुई है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों की बात करें तो कल्पा, केलांग, खदराला और मनाली में इस साल नवंबर में 11 वर्ष बाद सबसे अधिक बर्फबारी हुई है।

Mausam ki jankari:हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बर्फबारी से ऊंचाई वाले इलाकों में इस बार नवंबर में सबसे ज्यादा बर्फबारी हुई है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों की बात करें तो कल्पा, केलांग, खदराला और मनाली में इस साल नवंबर में 11 वर्ष बाद सबसे अधिक बर्फबारी हुई है। वहीं इस बर्फबारी से ग्लेशियरों को भी नई ताकत मिली है। इसकी तुलना की बात करें तो वर्ष 2009 के बाद इन चारों क्षेत्रों में रिकॉर्ड बर्फबारी दर्ज की गई है। कल्पा में इस बार नवंबर में 64.6 सेंटीमीटर, केलांग में 57, खदराला में 51.6 और मनाली में 12 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई। कल्पा, मनाली और खदराला में 2009 के बाद यह सबसे अधिक बर्फबारी है।

वहीं केलांग में वर्ष 2009 में 58 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई थी। हिमाचल मौसम विभाग केंद्र शिमला के पास वर्ष 2009 के बाद का ही रिकॉर्ड है। प्रदेश में इस वर्ष नवंबर में सामान्य से 112 फीसदी अधिक 43 मिलीमीटर बारिश हुई। इस अवधि में 20 मिलीमीटर बारिश सामान्य मानी गई है। लगातार दूसरे साल नवंबर में बादल झमाझम बरसे हैं। कुल्लू, शिमला, सोलन और सिरमौर में अन्य जिलों के मुकाबले अधिक बादल बरसे हैं।

कहां-कहां हुई कितनी बारिश

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, इस साल नवंबर में बिलासपुर में 118 फीसदी, चंबा में 44, हमीरपुर में 53, कांगड़ा में 59, किन्नौर में 165, कुल्लू में 288, लाहौल-स्पीति में 80, मंडी में 113, शिमला में 276, सिरमौर में 413, सोलन में 215 और ऊना में 78 फीसदी अधिक बादल बरसे. साल 2019 के दौरान नवंबर में सामान्य से 195 फीसदी और 2018 में 84 फीसदी अधिक बादल बरसे थे। साल 2017 में सामान्य से 66 फीसदी कम बारिश हुई थी। ऐसे में ग्लेशियरोंम को संजीवनी मिली है। साथ ही फसलों को भी फायदा हुआ है।

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