फीस न देने पर प्राइवेट स्कूलों ने रोका बच्चों का रिजल्ट, अभिभावकों ने सीएम से की शिकायत

हिमाचल प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों (Himachal private school fees) की मानमानी बढ़ती ही जा रहा है। प्राइवेट स्कूलों (Private School) ने अपने मुताबिक नियम बना रखे हैं। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावक अपनी आवाज अलग-अलग मंच पर उठाते रहे हैं। राज्य सरकार इस संबंध में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है। इसी बीच सीएम जयराम ठाकुर (Cm Jairam Thakur) के 2 दिवसीय मंडी प्रवास के दौरान सुंदरनगर में निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूली को लेकर संघर्षरत अभिभावक एसो. एवं छात्र-अभिभावक मंच एक प्रतिनिधिमंडल मिला उनसे मिला। प्रतिनिधिमंडल ने सीएम जयराम ठाकुर ( CM Jairam Thakur) को मांग पत्र सौंप कर स्कूलों की मनमानी के खिलाफ विरोध दर्ज करवाया गया।
वहीं इस दौरान अभिभावकों ने सुंदरनगर के निजी स्कूलों द्वारा फीस जमा ( Fee deposit) नहीं करवाने के कारण उनके बच्चों के परीक्षा परिणाम रोके जाने की शिकायत पर सीएम जयराम ठाकुर से ही कर डाली। सीएम ने हैरानी जताते हुए फीस को लेकर छात्रों के परीक्षा परिणाम रोकने को सरासर गलत बताया। अभिवावकों ने सीएम को मांग पत्र में कोविड-19 के संदर्भ में वसूली वार्षिक फीस रिफंड करवाने, स्कूल प्रबंधनों की मनमानी पर रोक लगाने व कड़ा कानून बनाने की मांग की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभिवावकों ने सीएम जयराम ठाकुर से मांग की है कि 2020-21 कोविड काल मे ट्यूशन फीस के अलावा वसूली गई वार्षिक शुल्क आगामी फीस में एडजस्ट करवाने,फीस वृद्धि पर रोक, बच्चों का रोका गया रिजल्ट अविलम्ब जारी करवाने, संवैधानिक तौर पर पीटीए गठन के निर्देश सबंधित अधिसूचना जारी करने के साथ निजी स्कूलों के संदर्भ में अभिवावकों के हित को ध्यान में रखते हुए नया कानून बनाया जाए। जिससे प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को रोका जा सके।
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