हिमाचल में प्राइवेट स्कूलों ने मांगा एनुअल चार्जेस तो गुस्साएं अभिभावकों ने उपायुक्त से कर दी शिकायत

हिमाचल प्रदेश (Himachal pradesh) में प्राइवेट स्कूल प्रबंधन व अभिभावकों के बीच में फीस ( Fees) को लेकर मुद्दा पिछले काफी अर्से से गरमाया हुआ है। राजधानी शिमला (Shimla) से लेकर प्रदेश के कई हिस्सों में फीस (Fess) वसूली को लेकर सरकार के दरवाजे तक बात पहुंची है। सरकार ने भी अपना पल्ला झाड़ते हुए संबंधित जिला के उपायुक्त पर बात छोड़ी है, उधर शिक्षा मंत्री गोबिंद ठाकुर केवल ट्यूशन फीस वसूलने की बात दोहराते रहते हैं। अब बात करते हैं ऊना की यहां पर एक प्राइवेट स्कूल ( private school) के खिलाफ अभिभावकों ने मोर्चा खोल दिया है।
दरअसल शैक्षणिक सत्र के अंतिम पड़ाव में आने पर स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों से एनुअल चार्जेस की मांग कर दी गई है। इस मांग के बाद अभिभावक भड़क उठे हैं और उन्होंने स्कूल प्रबंधन को एनुअल चार्जेस देने से दो टूक शब्दों में इंकार कर दिया है। वहीं स्कूल प्रबंधन की ओर से अड़ियल रवैया अपनाने के बाद अभिभावकों ने जिला प्रशासन से मामले में दखल देने की मांग कर दी है।
अभिभावकों ने लगाए आरोप
अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा एनुअल चार्जेस न दिए जाने पर बच्चों को फाइनल एग्जाम में न बैठने देने की धमकी दी गई है। गुरुवार को सुबह स्कूली बच्चों के अभिभावक जिला सचिवालय पहुंचे जहां उन्होंने निजी स्कूल के खिलाफ प्रशासन को शिकायत सौंपी। एक तरफ जहां अभिभावक एनुअल चार्ज देने के मूड में बिल्कुल भी नहीं है वहीं दूसरी ओर स्कूल प्रबंधन भी एनुअल चार्जेस लेने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ रहा है।
क्या कहना है अभिभावकों का
अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन की ओर से एक छात्र के एनुअल चार्जेस करीब 45 सौ रुपए मांगे जा रहे हैं। वहीं जिन अभिभावकों के दो से तीन बच्चे इस स्कूल में पढ़ रहे हैं उनके लिए स्कूल के प्रबंधक द्वारा जारी किए गए फरमान आफत से कम नहीं है। अविभावकों ने दो टूक शब्दों में कहा है कि वह किसी भी हाल में स्कूल प्रबंधन को एनुअल चार्ज नहीं देंगे। चाहे स्कूल प्रबंधन कुछ भी कर ले। अभिभावक भी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
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