HP: हिमाचल में मनमानी फीस नहीं वसूल पाएंगे प्राइवेट स्कूल

HP: हिमाचल में मनमानी फीस नहीं वसूल पाएंगे प्राइवेट स्कूल
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हिमाचल प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों की फीस को लेकर मचे घमासान के बीच प्रदेश सरकार ने फीस नियंत्रित करने के लिए वर्ष 1997 के एक्ट में बदलाव करने का फैसला लिया है। सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बीते दिन हुई कैबिनेट बैठक में इस पर अनौपचारिक बातचीत हुई।

हिमाचल प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों की फीस को लेकर मचे घमासान के बीच प्रदेश सरकार ने फीस नियंत्रित करने के लिए वर्ष 1997 के एक्ट में बदलाव करने का फैसला लिया है। सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बीते दिन हुई कैबिनेट बैठक में इस पर अनौपचारिक बातचीत हुई। कैबिनेट ने शिक्षा विभाग को एक्ट में बदलाव की हरी झंडी दे दी है। विभागीय अधिकारियों ने सरकार से मंजूरी मिलते ही विधि विभाग को मामला भेज दिया है। संभावित है कि बजट सत्र में संशोधन को मंजूरी दे दी जाएगी।

हिमाचल प्रदेश के प्राइवेट शिक्षण संस्थान (नियामक) एक्ट 1997 में बदलाव करते हुए निजी स्कूलों के ऑडिट की व्यवस्था की जाएगी। चिह्नित दुकानों से ही किताबें और वर्दी की खरीद के लिए निजी स्कूल दबाव नहीं बना पाएंगे। एसएमसी या किसी अन्य कमेटी को फीस निर्धारण में शामिल करने की भी तैयारी है। वर्तमान एक्ट के तहत निजी स्कूलों की फीस तय करने के लिए कोई प्रावधान नहीं है। इसका फायदा उठाते हुए स्कूल हर साल मनमाने तरीके से फीस बढ़ाते हैं।

प्राइवेट स्कूलों पर सरकार का भी सीधा नियंत्रण नहीं है। प्राइवेट शिक्षण संस्थान (नियामक) एक्ट 1997 लागू है, लेकिन इसमें फीस तय किए जाने का प्रावधान नहीं हैं। एक्ट में बदलाव होने के बाद निजी स्कूलों को फीस और फंड सहित शिक्षकों का ब्योरा सरकार को देना होगा। हालांकि फीस स्कूल खुद तय करेंगे, लेकिन फीस पर नियंत्रण रखने के लिए सरकार कोई फार्मूला तैयार करेगी। प्राईवेट कॉलेज और विश्वविद्यालय आते हैं आयोग के दायरे में प्राइवेट शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के दायरे में प्रदेश के सभी प्राइवेट कॉलेज और विश्वविद्यालय आते हैं।

इन शिक्षण संस्थानों की फीस तय करने से लेकर इनके पाठ्यक्रम को आयोग हर साल मंजूरी देता है। इनके स्टाफ की समस्याओं को भी आयोग की अदालत में सुना जाता है। राज्य की सत्ता पर काबिज होते ही जयराम सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की फीस नियंत्रण की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक मामला सिरे नहीं चढ़ा है। कोरोना संकट के दौरान तो यह समस्या और अधिक बढ़ गई है। बीते दिनों जिला मंडी में निजी स्कूलों की फीस को लेकर खूब हल्ला हुआ था। अभिभावकों ने सीएम के समक्ष भी यह मामला उठाया था। इसी कड़ी में अब यह कवायद शुरू हुई है।

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