शिमला हादसा: टूरिस्टों को बचाने गई जवानों की टीम हुई हादसे का शिकार, अब जिंदगी से लड़ रहे जंग

शिमला हादसा: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पुलिस का एक जवान जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। बर्फबारी में फंसे लोगों की मदद करने गया 27 वर्षीय कॉन्सटेबल वीरेंद्र खुद हादसे (Accident) का शिकार हो गया था। वीरेंद्र की रीढ़ की हड्डी टूट गई और अब जिंदगी से जंग लड़ रहा है। आपको बता दें कि 6 जनवरी की शाम को शिमला पुलिस का त्वरित प्रकिया दल पर्यटकों की मदद के लिए कुफरी और छराबड़ा क्षेत्र में गया था।
बर्फबारी (Snowfall) के चलते सड़कों पर भारी फिसलन थी, पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बचाव के लिए सरकारी गाड़ी में 6 जवानों का दल जैसे ही चीनी बंगला के पास पहुंचा तो गाड़ी अचानक बर्फ पर फिसल गई। सड़क से करीब 100 मीटर नीचे जा गिरी। इस हादसे में वीरेंद्र को सबसे ज्यादा चोट पहुंची, जबकि दो अन्य जवानों के हाथ और टांग में फ्रेक्चर हुआ है। सभी को तुरंत आईजीएमसी पहुंचाया गया था।
क्या कहना है डॉ. जनक राज का
आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने कहा कि वीरेंद्र की हालत काफी नाजुक है। डॉक्टर इलाज कर रहे हैं और उसको बचाने की हर संभव कोशिश की जा रही है। इससे ज्यादा फिलहाल ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता। एसपी मोहित चावला समेत शिमला पुलिस के सभी आला अफसर और कई जवान लगातार आईजीएमसी जा रहे हैं। एसपी मोहित चावला ने कहा कि ये देखना बेहद दुखद है। डॉक्टरों की टीम कोशिश कर रही है, पुलिस विभाग हर वक्त जवान के साथ खड़ा है और हर संभव मदद की जा रही है। सभी वीरेंद्र के जल्द स्वस्थ होने की दुआ कर रहे हैं।
परिवार की माली हालत खराब
4 दिन से वीरेंद्र अस्पताल में भर्ती है। अब तक कोई नेता या कोई मंत्री उसका हाल जानने नहीं पहुंचा है। पुलिस मुख्यालय शिमला में ही है और हिमाचल पुलिस के मुखिया भी आईजीएमसी नहीं पहुंचे हैं। 2016 बैच का वीरेंद्र कांगड़ा जिले के कोठी कोहड़ के रहना वाला है। वीरेंद्र की माली हालत भी ठीक नहीं बताई जा रही है, ये बेहद गरीब परिवार से संबंध रखा है। शादी को दो साल हो गए हैं और एक साल का बेटा है। इसकी आर्थिक मदद के लिए पुलिस के जवान आगे आए हैं।
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