हिमाचल न्यूज: सेब को खराब होने से बचाने के लिए प्रोसेसिंग यूनिटों में पहुंचाया जाएगा

हिमाचल में मंडी मध्यस्थता योजना (एमआईएस) में खरीदा सेब खराब होने से पहले प्रोसेसिंग यूनिटों में पहुंचाया जाएगा। अभी तक एमआईएस में खरीदे सेब में से 25 फीसदी फल उपयोग में लाने से पहले ही खराब होते रहे हैं।सरकार एमआईएस के तहत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बागवानों से सी श्रेणी का सेब खरीदने को 285 फल खरीद केंद्र खोल रही है। 163 फल खरीद केंद्र एचपीएमसी के माध्यम से खोले जा रहे हैं। शेष केंद्र हिमफेड खोलेगा।
शिमला, कुल्लू, मंडी और किन्नौर जिले में बागवानों से सेब खरीद की जानी है। सी श्रेणी सेब का खरीदकर परवाणू और जरोल भेजा जाएगा, जिससे समय पर जूस तैयार किया जा सके। सरकार ने इन एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि बागवानों से सेब खरीदते वक्त यह सुनिश्चित किया जाए कि खराब सेब की खरीद न हो।
एमआईएस में खरीदे सेब को दो दिन के भीतर परवाणू ट्रकों से पहुंचाया जाए। पहले सेब परवाणू पहुंचने पर छंटाई की जाती थी और करीब 25 फीसदी तक सेब सड़ जाता था। इससे सरकार को मोटी आर्थिक चपत लगती थी। अब सही सेब को ही जूस और जैम बनाने को कैनिंग यूनिटों तक पहुंचाया जाएगा। एचपीएमसी के महा प्रबंधक भुवन शर्मा ने कहा कि बागवानों से सी ग्रेड का सेब खरीदने से पहले सुनिश्चित किया जाएगा कि सेब सड़ा न हो। अच्छा सेब खरीदने के बाद दो दिन के भीतर सेब विधायन यूनिटों को भेजा जाएगा और तत्काल इसका जूस बनाया जाएगा।
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