Sunday Special: कोरोना के कहर के बीच ऑनलाइन स्टडी से खो रहा बच्चों का आत्मविश्वास, पढ़ें ये रिपोर्ट

Sunday Special: कोरोना के कहर के बीच ऑनलाइन स्टडी से खो रहा बच्चों का आत्मविश्वास, पढ़ें ये रिपोर्ट
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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) सहित पूरे देश में कोरोना (Corona) का कहर जारी है। कोरोना के चलते प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेज बंद (School-college closed) हैं। स्कूल कॉलेजों को के बंद होने से कुछ छात्र तो ऑनलाइन पढ़ाई (Online study) कर रहे हैं लेकिन कुछ छात्र ऑनलाइन पढ़ाई से भी वंचित रह रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) सहित पूरे देश में कोरोना (Corona) का कहर जारी है। कोरोना के चलते प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेज बंद (School-college closed) हैं। स्कूल कॉलेजों को के बंद होने से कुछ छात्र तो ऑनलाइन पढ़ाई (Online study) कर रहे हैं लेकिन कुछ छात्र ऑनलाइन पढ़ाई से भी वंचित रह रहे हैं। ऐसे में जो छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं उनमें की आत्मविश्वास (Self-confidence) की कमी होती जा रही है। कोविड की वजह से पढ़ाई में छात्रों के गिरते स्तर को लेकर अभिभावक भी भयभीत हो गए हैं।

शिक्षा विभाग से उन्होंने ऑनलाइन स्टडी के पैटर्न को बदलने की मांग की है। इसी के साथ कहा है कि हर हफ्ते सभी विषयों के ऑनलाइन टेस्ट छात्रों के लिए जाएं। इसी के साथ उनकी विभिन्न प्रतियोगिताएं भी ऑनलाइन करवाई जाएं, ताकि उनका आत्मविश्वास कम न हो। उधर शिक्षकों ने इस बात को माना है कि ऑनलाइन पढ़ाई से छात्रों का मानसिक विकास सही ढंग से नहीं हो रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा मांगे गए सुझाव में यह बात 60 प्रतिशत शिक्षकों ने कही है।

शिक्षकों के अनुसार कोरोना काल के दौरान बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाया गया। इससे लिखने और पढ़ने में काफी नुकसान हुआ है। वहीं, 79 प्रतिशत अभिभावकों ने भी इस बात को माना है कि बच्चों का आत्मविश्वास भी कम हुआ है। जिससे बच्चे बढ़ने लिखने में कमजोर हो गए हैं।

फिलहाल शिक्षक व अभिभावकों की चिंता पर समग्र शिक्षा विभाग ने नौवीं से दसवीं में प्रोमोट हुए छात्रों और 11वीं से 12वीं में प्रोमोट हुए छात्रों पर ज्यादा ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। विभाग का कहना है कि यदि अभी इन पर ध्यान नहीं दिया गया, तो इसका खामियाजा वार्षिक परीक्षाओं में भुगतना पड़ सकता है।

आपको बता दें कि राज्य के सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन के जरिए 17 मई तक रेमेडियल कक्षाएं चलेंगी। उसके बाद नई कक्षाओं का छात्र सिलेबस पढ़ेंगे। नौवीं से 12वीं कक्षाओं के बच्चों की पढ़ाई के नुकसान की भरपाई की जा रही है। समग्र शिक्षा अभियान एसएसए ने सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी कक्षाओं के छात्रों के लिए रेमेडियल कार्यक्रम तैयार किया है। यह पढ़ाई केवल वर्किंग-डे में ही करवाई जा रही है, यानी छुट्टी के दिन पढ़ाई नहीं होगी। कार्यक्रम के तहत 19 मई को बेसलाइन टेस्ट का आयोजन किया जाएगा।

वहीं एसएसए के स्टेट रिसोर्स ग्रुप ने इसके लिए प्रश्नावली तैयार कर ली है। पिछली कक्षा के आधार पर ही यह टेस्ट होगा। गणित, साइंस और अंग्रेजी जैसे विषयों पर ज्यादा फोकस किया जाएगा, जबकि 12वीं में विज्ञान संकाय के बच्चों पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि हर सप्ताह बच्चों को जो पढ़ाया जाएगा, उसका सप्ताह के अंतिम दिन यानी शनिवार को ऑनलाइन टेस्ट होगा। समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक वीरेंद्र शर्मा की ओर से इस संबंध में सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों, मुख्य अध्यापकों को इस संबंध में सर्कुलर भेजा है।

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