Sunday Special: गर्मियों के सीजन में हजारों पर्यटक पहुंचते हैं नाको झील, इसके बारे में जानने के लिए पढ़ें यह खबर

Sunday Special: गर्मियों के सीजन में हजारों पर्यटक पहुंचते हैं नाको झील, इसके बारे में जानने के लिए पढ़ें यह खबर
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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के किन्नौर जिले (Kinnaur District) में स्थित नाको झील (Nako Lake) किन्नौर के 3,660 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह विदेशी पर्यटकों (Foreign Tourists) व बौद्ध भिक्षुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है।

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के किन्नौर जिले (Kinnaur District) में स्थित नाको झील (Nako Lake) किन्नौर के 3,660 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह विदेशी पर्यटकों (Foreign Tourists) व बौद्ध भिक्षुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। गर्मियों में हजारों देशी व विदेशी पर्यटक इस झील तक पहुंच कर यहां की शांत आबोहवा में अपनी थकान मिटा कर सुकून महसूस करते हैं। नाको पांगियल के विशाल पहाड़ों की पश्चिमी दिशा पर हंगरांग घाटी से 3 किमी ऊपर स्थित है और कल्पा से 119 किलोमीटर की दूरी पर है।


घाटी में सबसे ज्यादा गांव है और बर्फ से बने झील का अस्तित्व गांव में सौंदर्य जोड़ता है। यक्ष, कीन, घोड़ों और गधे की जनसंख्या यहाँ अधिक हैं। स्थानीय गांव देवता देवदाम है और यहाँ एक अन्य लैगांग मंदिर है जिसमें कई मूर्तियों मौजूद हैं। यहां आगंतुकों के लिए एक झोपड़ी है। छोटे, लेकिन महत्वपूर्ण बौद्ध मंदिर हैं और एक चट्टान को संत पद्मसंभव का प्रतीक माना जाता है। यह पैरागिल शिखर के लिए आधार है और मार्ग पर थेशिगांग मठ है।


आपको बता दें कि नाको झील के आसपास स्थित बौद्ध मंदिर पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। बादल से भरीं चोटियां, पथरीली चट्टानें और सेब के बागीचे झील की सुंदरता को और बढ़ाते हैं। यही कारण है कि यहां पर्यटक अधिक संख्या में पहुंचते हैं। यहा स्थिल पर्यटकों की पसंदीदा जगह बन गया है। जो एक बार यहां चला जाता है वह बार-बार जाने की यहां सोचने लगता है। लोगा यहां की सुदंरता के दिवाने हो जाते हैं।

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