सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक, सरकार ने जब तक लोगों को टीके की दूसरी डोज देने का किया वादा

उच्चतम न्यायालय (Supreme court) की ओर से सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकार (Himachal Pradesh Government) को बड़ी राहत मिली। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय (Himachal High Court) ने प्रदेश में कोरोना (Corona) की स्थिति की निगरानी करने के लिए जिला स्तरीय समितियों के गठन का निर्देश दिया था। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक (High Court order stayed) लगा दी। वहीं हिमाचल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि राज्य की 18 से अधिक उम्र की लगभग सभी आबादी को हालिया दिनों में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज (first dose of corona vaccine) दे दी गई है। साथ ही अदालत में सरकार ने वायदा किया कि नवंबर महीने तक प्रदेश की पूरी वयस्क आबादी को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज दे दी जाएगी।
इस दौरान उच्चतम न्यायालय ने हिमाचल हाईकोर्ट के 7 जुलाई और 14 जुलाई के आदेशों पर रोक लगा दी। जिनमें उच्च न्यायालय ने जिला स्तरीय निगरानी समितियों के गठन को कहा था। हिमाचल सरकार ने हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। साथ ही कहा था कि इससे प्रदेश सरकार के अधिकारी हतोत्साहित हो रहे हैं।
वहीं जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की पीठ ने राज्य सरकार द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया था। जिसमें कहा गया कि रिट के लंबित रहने की वजह से हाईकोर्ट को इस संबंध में अनुच्छेद 226 के तहत कोई आदेश पारित करने से नहीं रोका जाएगा। न्यायाधीश का कहना था कि हम कोरोना पर एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठित किया था। जिससे देश भर के डॉक्टर व विशेषज्ञ जुड़े थे। पर प्रदेश की जिला स्तरीय समितियों में वो लोग शामिल हैं जो सचिव, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण और जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। इन लोगों से क्या करने की अपेक्षा की गई है।
वहीं अदालत में सुनवाई के वक्त हिमाचल सरकार की ओर से अतिरिक्त महाविधक्ता अभिनव मुखर्जी ने कहा कि हमने अभी राज्य की संपूर्ण वयस्क आबादी को पहला टीका दे दिया है। साथ ही नवंबर महीने के अंत तक हम संपूर्ण आबादी को दूसरा टीका भी दे देंगे। प्रदेश में कोरोना वायरस दर महज 0.7 प्रतिशत है। इन समितियों के गठन से वैक्शीनेश में कठिन कार्य कर रहे राज्य के अधिकारियों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। क्योंकि अधिकारियों को प्रत्येक बुधवार को अदालत में पेश होना पड़ेगा। यहां उनके खिलाफ कई आरोप भी लगाए गए हैं।
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