प्रदेश में कल से खुलेंगे मंदिर, इन गाइडलाइंस का करना होगा पालन

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में कोरोना कर्फ्यू (corona curfew) में ढील के बाद कल से मंदिरों के कपाट खुलने वाले हैं। मंदिरों के खुलने के बाद इन नियमों का पालन करना होगा। मंदिर अधिकारी दिलजीत शर्मा ने बताया कि मंदिर को दो बार सैनिटाइज किया जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग की भी पूरी व्यवस्था बनाई जाएगी। उधर, एसडीएम अभिषेक वर्मा ने बताया कि पहली जुलाई से मंदिर खुलने के दौरान पहले जैसे व्यवस्था शुरू हो जाएगी।
वहीं अब श्रद्धालु गर्भ गृह में भी जा सकेंगे। प्रसाद भी ले जा सकेंगे, लेकिन अभी भजन कीर्तन व लंगर का आयोजन नहीं होगा। मंदिर परिसर में श्रद्धालु मुंडन करवा सकेंगे, लेकिन इसमें कोविड प्रोटोकाल का पूरा ध्यान रखा जाएगा। श्रद्धालुओं को कोरोना से बचने के लिए खुद भी जागरूक रहना है। मंदिर में सैनिटाइजेशन और कोविड नियमों का पूरी तरह से मानिटर किया जाएगा।
प्रदेश के बड़े शक्तिपीठ बज्रेश्वरी, ज्वालामुखी, चामुंडा और नयनादेवी मंदिर के कपाट पहली जुलाई से खुलने जा रहे हैं। अब श्रद्धालुओं के लिए राहत की बात यह है कि मंदिर में उनके लिए कोविड काल की दूसरी लहर से पहले की तरह व्यवस्थाएं शुरू होने जा रही हैं। वे गर्भ गृह भी जा सकेंगे, प्रसाद भी चढ़ा सकेंगे और घंटी भी बजा सकेंगे। बस यहां अभी अगले सरकारी आदेशों तक भजन, कीर्तन और लंगर आयोजित नहीं होंगे।
सरकार के इस फैसले से जहां श्रद्धालु अब तसल्लीबख्श मां बज्रेश्वरी के दर्शन कर सकेंगे, वहीं मंदिर बाजार के दुकानदारों के लिए यह फैसला राहत लेकर आया है। कोविड काल की दूसरी लहर के बाद जैसे ही कोरोना के केसों में बढ़ोतरी हुई तो माता बज्रेश्वरी देवी के कपाट श्रद्धालुओं के लिए पूर्णतया बंद कर दिए गए थे। अप्रैल माह से माता का दरबार यात्रियों के लिए बंद है।
बस यहां पुजारियों को पूजा अर्चना करने की इजाजत दी गई है। अब पहली जुलाई से फिर मंदिर खुलने जा रहे हैं। मंदिर बाजार के दुकानदारों सहित मंदिर के पुजारियों में खुशी की लहर है। युवा पुजारी अनुपम शर्मा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।
चिंतपूर्णी में श्रद्धालु चढ़ा सकेंगे प्रसाद, मुंडन संस्कार पर भी रोक नहीं- चिंतपूर्णी मंदिर के कपाट सुबह सात से शाम को आठ बजे तक खुले रहेंगे। चिंतपूर्णी मंदिर में हवन यज्ञ और लंगर लगाने पर पाबंदी रहेगी। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में प्रसाद चढ़ाने एवं बच्चों के मुंडन संस्कार पर रोक नहीं लगाई गई है। श्रद्धालुओं की चिंतपूर्णी सदन और शंभू बैरियर पर स्क्रीनिंग की जाएगी।
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