स्वच्छ हवा में सांस लेने के लिए हिमाचल का रुख कर रहे लोग, एडवांस बुकिंग भी करा रहे सैलानी

प्रदूषण मैदानी क्षेत्रों में लगातार बढ़ रहा है और लोग सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा के लिए तरस रहे हैं। साथ ही लोग प्रदूषण से बचने के लिए पहाड़ों का रुख कर रह हैं। दिल्ली के साथ-साथ उत्तर भारत के मैदानी इलाकों के लोग इन दिनों प्रदूषण से लोग परेशान हैं। इसलिए पर्यटकों ने हिमाचल प्रदेश (Himachal) के शिमला, धर्मशाला और मनाली सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर भारी संख्या में सैलानी (Tourist) पहुंच रह हैं। पहाड़ों के सुहावने मौसम का आन्नद उठाने के लिए चंडीगढ, दिल्ली, पंजाब व हरियाणा से सबसे ज्यादा पयर्टक आ रहे हैं। वहीं दिपावली पर्व के बाद पहले ही सप्ताह के अंत में हिल्स क्वीन शिमला (Shimla) में ऑक्यूपेंसी 70 से 80 प्रतिशत पहुंच गई।
सैलानियों ने बताया है कि दिपावली के बाद प्रदूषण बढ़ने से मैदानी क्षेत्रों में दिक्कत बढ़ गई है। इसलिए पहाड़ों की स्वच्छ हवा में कुछ दिन गुजारने के लिए शिमला समेत अन्य जगह पहुंच रहे हैं। वहीं, दिल्ली कालका से शिमला आने वाली तमाम ट्रेन अगले एक सप्ताह के लिए एडवांस बुक चल रही है। दिपावली के बाद पहले सप्ताज के अंत में शिमला, कसौली, मनाली, कुफरी, नारकंडा में पर्यटक बढ़े हैं।
दिल्ली में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के चलते सांस लेने में दिक्कत हो रही है। पर हिमाचल प्रदेश में हवा अब भी हरियाणा, दिल्ली व के मुकाबले काफी बेहतर व स्वच्छ है। हिमाचल के शिमला शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे स्वच्छ रहा है। आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में दिपावली के मौके पर सिर्फ दो घंटे ही पटाखे जलाने की अनुमति थी।
हिमाचल प्रदेश में दिपावली के मौके पर पटाखे फोड़ने से हवा दूषित हुई पर सबसे खराब एयर क्वालिटी इंडेक्स सोलन के बद्दी, कालाअंब, नालागढ़, कांगड़ा के डमटाल, मंडी के सुंदरनगर, मनाली व अन्य शहरों में पाया गया। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक हिमाचल में शिमला में सबसे अच्छा एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज हुआ।
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