कोविड पेशेंट की मौत पर टांडा मेडिकल कॉलेज में हंगामा, इलाज में लापरवाही का लगाया आरोप

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के टांडा मेडिकल कालेज में कोविड-19 (Covid-19) मरीजों को माकूल इलाज न मिलने से तीमारदारों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। शनिवार को भी 45 साल की महिला (Women) की कोविड-19 से मौत होने के बाद परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। वह सवाल उठा रहे थे कोविड-19 पेशेंट की माकूल ट्रीटमेंट यहां नहीं हो पा रही है। लाइट जाने पर ऑक्सीजन नहीं मिल पाई और न ही वहां कोई फोन उठाता है।
शुक्रवार रात अढ़ाई बजे उनकी मां को वेंटिलेटर पर रखने की बात कही गई थी , लेकिन कुछ नहीं हुआ और वह मौत का शिकार हो गई । हालांकि रात को ही उनकी मौत हो गई थी, लेकिन सुबह नौ बजे तक भी इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई। उन्होंने बताया कि जो समान पेशेंट को भेजा जाता है, वह दो-दो घंटे भी उन तक नहीं पहुंच पाता।
उन्होंने वहां सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात कही है। साथ ही कहा है कि तीमारदारों के लिए बाहर स्क्रीन लगाई जाए, ताकि जो इलाज कोविड-19 सेंटर में हो रहा है, उसकी जानकारी उन्हें रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि जो पानी उन्होंने अपनी मां के लिए भेजा था वह भी उन्हें समय पर नहीं मिला। ऐसे हेल्पलाइन नंबरों के कोई मायने नहीं रह गए हैं ।
उल्लेखनीय है कि कई समाजसेवी संस्थाएं कोविड-19 सेंटर में सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ-साथ वहां स्क्रीन लगाने की पैरवी कर चुकी हैं। वहीं डाक्टर, नर्स वार्ड ब्वाय व सफाई कर्मी की पीपीई किट अलग-अलग रंग की डालने की बात भी कही गई है। लेकिन इस पर कोई एक्शन नहीं हुआ। राइट फाउंडेशन कांगड़ा संस्था के अध्यक्ष रोहित कुमार का कहना है कि प्रशासन अगर वीर सिंह की मां को बेड और ऑक्सीजन समय पर दिलवा देता तो आज वह जिंदा होती। प्रशासन की नाकामी से चार कंधे तक नहीं मिल पाए।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS