Jammu-Kashmir Muharram: श्रीनगर में 33 साल बाद निकला मुहर्रम जुलूस, कई मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

Jammu-Kashmir Muharram: जम्मू और कश्मीर में धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौट चुकी है। श्रीनगर में तकरीबन तीन दशक से ज्यादा के समय के बाद शिया समुदाय ने गुरुवार यानी आज गुरुबाजार से डलगेट मार्ग पर मुहर्रम जुलूस (Muharram procession) निकाला, जिसमें कई लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। बीते बुधवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा शिया समुदाय को श्रीनगर में 8वें मुहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति दे दी थी।
लाल चौक से निकाला गया मुहर्रम का जुलूस
शिया समुदाय (Shia Community) के लोगों ने आज सुबह श्रीनगर (Srinagar) के लालचौक से 8वां मुहर्रम जुलूस निकाला। इस दौरान उन्होंने 'या हुसैन या हुसैन' के नारे भी लगाए। किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए हर रास्ते पर पुलिस बल और सुरक्षा बलों (Security Forces) को तैनात किया गया था। खासतौर पर गुरुबाजार से डलगेट के पारंपरिक रास्ते पर ज्यादा सुरक्षा बलों को लगाया गया था। इस मार्ग पर 1989 के बाद से जुलूस पर पाबंदी लगा दी गई थी।
डिविजनल कमिश्नर ने आदेश जारी किए
शिया नेताओं द्वारा उन्हें जुलूस आयोजित करने की अनुमति देने की अपील के बाद प्रशासन की मंजूरी मिली। बीते मंगलवार को शिया नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) से मुलाकात कर गुरु बाजार-बादशाह ब्रिज, एमए रोड-डलगेट-जदीबल के पुराने रास्तों के माध्यम से मुहर्रम जुलूस पर प्रतिबंध हटाने की मांग की गई थी। इसके साथ ही, उनकी तरफ से एक आदेश जारी कर कुछ शर्तों को भी रखा गया था।
#WATCH | Srinagar, J&K | Muharram procession taken out through its historic route in the city. The procession was allowed from 6 am to 8 am today, by the Administration. pic.twitter.com/fqbq6uOGwP
— ANI (@ANI) July 27, 2023
इसमें कहा गया कि भाग लेने वाले लोग राष्ट्र-विरोधी भाषण, नारेबाजी या प्रचार नहीं करेंगे। शिया समुदाय के लोग किसी भी तरह के सांप्रदायिक सद्भाव और क्षेत्रीय भावनाओं को प्रभावित नहीं करेंगे। किसी भी राष्ट्रीय चिन्ह का अपमान नहीं किया जाना चाहिए। इस आदेश में यह भी कहा गया है कि जुलूस में बिना इजाजत के ड्रोन का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
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33 साल बाद मिली इजाजत
1989 के बाद यह पहली बार है कि अधिकारियों ने श्रीनगर में शिया समुदाय (Shia Community) के 8वें मुहर्रम जुलूस की अनुमति दी गई है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि क्या 10वें मुहर्रम जुलूस की भी अनुमति दी जाएगी। 1989 में आंतकवादी गतिविधियां बढ़ने के बाद 8वें और 10वें मुहर्रम के जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
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