मुफ्ती ने फिर जम्मू-कश्मीर की आवाम को भड़काया, बोलीं- हम अवैध कब्जा करने वाले नहीं, यह जमीन हमारी

मुफ्ती ने फिर जम्मू-कश्मीर की आवाम को भड़काया, बोलीं- हम अवैध कब्जा करने वाले नहीं, यह जमीन हमारी
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देश भर में अवैध निर्माण के खिलाफ डिमोलिशन ड्राइव चलाई जा रही है। इसको लेकर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर तीखा प्रहार किया है। मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर के लोगों से कहा कि आप अपनी जमीन का कंट्रोल अपने हाथों में ले ले। पढ़ें मुफ्ती का पूरा बयान...

देश भर में अतिक्रमण के खिलाफ डिमोलिशन ड्राइव देखने को मिल रहा है। दिल्ली के महरौली में भी बीते कुछ दिनों से DDA की कार्रवाई देखी जा रही थी। इसके अलावा जम्मू कश्मीर में लगातार भूमि को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए प्रशासन की ओर से अभियान चलाया जा रहा है।

इसको लेकर मुफ्ती ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है। मुफ्ती अक्सर अपने तीखे सवाल-जबाव के कारण चर्चाओं में रहती हैं। अपने इसी अंदाज के कारण वह एक बार फिर से सुर्खियों में आ गई हैं। उन्होंने कहा मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों से कहना चाहती हूं कि आप अपनी जमीन का कंट्रोल अपने हाथ में ले लें। हमें अवैध कब्जा करने वाला कहा जाता है, लेकिन मैं बता दूं कि हम अवैध कब्जा करने वाले नहीं हैं, बल्कि यह हमारी अपनी जमीन है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कश्मीर में अतिक्रमण रोधी अभियान के खिलाफ शहर के मुख्य वाणिज्यिक इलाके लाल चौक सहित कश्मीर के कुछ हिस्सों के सभी मार्केट को बुधवार को बंद रखा गया है। वहीं, श्रीनगर के ज्यादातर हिस्सों में भी तमाम दुकानें और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान के अलावा मुख्य शहर को बंद देखा गया। हालांकि इस बात कि पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है कि बंद का आह्वान किसने किया था। इसके बाद आज पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर निशाना साधते हुए लोगों को अपनी जमीन अपने कंट्रोल में लेने को कहा।

मुफ्ती ने बीबीसी दफ्तर पर छापेमारी को लेकर की टिप्पणी

मुफ्ती ने भारत सरकार से सवाल करते हुए कहा कि, सरकार BBC जैसी विश्वसनीय न्यूज एजेंसी पर छापा डलवाती है। इससे देश के बाहर क्या मैसेज जाता है, इस BBC की विश्वसनीयता की मिसाल दुनिया के गरीब से लेकर अमीर सभी लोग देते हैं। लेकिन, भारत में बीबीसी दफ्तर पर आयकर विभाग की छापेमारी के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए गलत संदेश जाएगा। उन्होंने कहा इससे साफ पता चलता है कि जो सच बोलने की हिम्मत करता है, उसे सरकार द्वारा बेरहमी से परेशान किया जाता है। चाहे वह विपक्ष के नेता हों, मीडिया हों, कार्यकर्ता हों या फिर कोई अन्य। सभी को सच्चाई के लिए लड़ने की कीमत चुकानी पड़ रही है।

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