आर्टिकल 370 पर उमर अब्दुल्ला बोले, सरकार हमेशा के लिए नहीं रहती, हम इंतजार करेंगे

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद हिरासत में लिए गए राज्य के प्रमुख नेता फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की रिहाई हो गयी है। जिसके बाद अब आर्टिकल 370 को लेकर सियासत तेज हो गयी है। गुरुवार को फारूक अब्दुल्ला के घर पर इन नेताओं ने मीटिंग की। बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में गुपकर समझौते पर बातचीत हुई है।
उमर अब्दुल्ला ने 221 दिनों तक नजरबंद रहने के बाद पहली बार एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू दिया है। इंटरव्यू के दौरान उमर ने कहा कि आर्टिकल 370 के लिए संघर्ष जारी रहेगा। हमारी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में है। कोई भी सरकार हमेशा के लिए नहीं रहती। हम इंतजार करेंगे। हार नहीं मानेंगे।
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा, हम अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। आर्टिकल 370 के खिलाफ पहले भी आवाज उठाई थी और आज भी उठा रहे हैं। केंद्र की मोदी सरकार का निर्णय राज्य के लोगों के लोगों के खिलाफ है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि गुपकर ग्रुप की मीटिंग 4 अगस्त 2019 को शुरू हुआ एक सिलसिला है। आज हम इसे एक उचित नाम, औपचारिक संरचना और एक वाजिब एजेंडा देने के लिए मिले हैं। यह अवसरवादी गठबंधन नहीं है। लेकिन ये राजनीतिक है।
इसे आप सामाजिक गठबंधन नहीं कह सकते। उमर ने आर्टिकल 370 को एक बार फिर असंवैधानिक करार दिया है। असंवैधानिक और गैरकानूनी रूप से हमसे जो छीन लिया गया था, उसे वापस पाने का यह एक संवैधानिक और शांतिपूर्ण तरीका है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन के जम्मू-कश्मीर के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने पर उमर अब्दुल्ला ने तंज भरे लहजे में कहा, क्या ये आर्टिकल 370 चीन की सहायता से वापस आ जाएगा? ये तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रवक्ता का फॉर्मूला है।
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