झारखंड में जल्द शुरू होगी रोजगार की गारंटी योजना, शहरी अकुशल श्रमिकों को मिलेगा मौका

झारखंड में जल्द शुरू होगी रोजगार की गारंटी योजना, शहरी अकुशल श्रमिकों को मिलेगा मौका
X
झारखंड में हेमंत सरकार जल्द ही रोजगार की गारंटी योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत शहरी अकुशल श्रमिकों को रोजगार का मौका दिया जाएगा।

झारखंड में काफी संख्या में लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मनरेगा के तहत हेमंत सरकार रोजगार की गांरटी योजना शुरू करने जा रही है। सरकार जल्द ही इस योजना को हरी झंडी दे सकती है।

इस योजना के तहत शहरी अकुशल श्रमिकों को रोजगार दिया जाएगा। बताया जा रहा है देश में पहली बार ऐसा होगा जहां शहरी क्षेत्रों में भी लोगों को रोजगार की गारंटी दी जाएगी। इतना ही नहीं अगर रोजगार नहीं मिलता है, तो उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा।

100 दिनों के रोजगार की गारंटी

हेमंत सरकार 'मुख्यमंत्री श्रमिक (शहरी रोजगार मंजूरी फॉर कामगार) योजना के तहत 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के श्रमिकों को महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कम से कम 100 दिनों के रोजगार की गारंटी दी जाएगी।

यदि कोई भी आवेदक श्रमिक आवेदन के 15 दिनों के भीतर काम पाने में असमर्थ है, तो सरकार उन्हें बेरोजगारी भत्ता देगी। यह भत्ता पहले महीने में न्यूनतम वेतन का एक-चौथाई, दूसरे महीने में न्यूनतम वेतन का आधा और तीसरे महीने से न्यूनतम मजदूरी के बराबर दिया जाएगा।

कार्यस्थल पर सभी सुविधाओं की होगी व्यवस्था

उम्मीद जताई जा रही है कि हेमंत सरकार 15 अगस्त को इस योजना की शुरुआत कर सकती है। इसके लिए नगर विकास एवं आवास विभाग ने इस योजना की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है। इसके अलावा, शहरों में हेमंत सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में स्थानीय मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।

साथ ही कार्यस्थल पर शुद्ध पेयजल, इलाज से जुड़ी आदि की व्यवस्था की जाएगी। यदि कोई महिला कर्मचारी होगी, तो उनके बच्चों को रखने की व्यवस्था भी की जाएगी।

प्रवासी श्रमिकों की गई स्किल मैपिंग

जानकारी के लिए आपको बता दें कि लॉकडाउन होने के बाद से दूसरे राज्यों में फंसे काफी संख्या में मजदूर अपने गांव लौटे हैं। श्रमिकों के हालात को देखते हुए राज्य सरकार का लक्ष्य इन लोगों को घर में ही रोजगार उपलब्ध कराना है, ताकि दूसरे राज्य जाना न पड़े।

इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग ने 2.5 लाख प्रवासी श्रमिकों की स्किल मैपिंग की है। विभाग के मुताबिक इसमें करीब 75,000 अकुशल श्रमिक शामिल हैं।

Tags

Next Story