Cyber Crime: जामताड़ा के साइबर ठग भी नहीं सुरक्षित, उनके घरों में भी इस तरह डाका डाल रहे गिरोह

झारखंड के जामताड़ा साइबर अपराधियों का गढ़ माना जाता है। लेकिन इनदिनों साइबर अपराधियों के होश उड़े हुए हें। ये अपराधी भारत ही नहीं, बल्कि दुनियों के लोगों के साथ ठगी कर चुके है। साथ ही करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति हासिल कर रातोंरात अमीर बने हैं। अब इन क्रिमिनलों के साथ ठगी की जा रही है। इनके यहां साइबर पुलिस बनकर डकैत लूटपाट और डकैती की घटना को अंजाम दे रहे हैं। नारायणपुर और जामताड़ा में ठगों के यहां डाका डाल चुके है।
नारायणपुर थाना एरिया में पिछले कुछ दिनों में डकैती की घटनाओं का इजाफा हुआ है। ज्यादातर डकैती साइबर पुलिस बनकर डाली गई। पुलिस के लिए भी डकैत सिरदर्द बने हुए है। बताया जाता है कि यहां 15 से अधिक गैंग सक्रिय है। ये रात के समय वारदात को अंजाम देते है। देर रात लोगों के घर जाकर खुद को साइबर पुलिस बताते हैं। उसके बाद ये गन पांइॅट पर लेकर ज्वेलरी और कैश लूटकर फरार हो जाते है। आए दिन डकैती के मामले सामने आ रहे है।
जांच के दौरान साइबर पुलिस के सामने चौंकाने मामले सामने आए है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डकैती की घटनाओं में साइबर अपराधियों के लिंक मिले हैं। इतना ही नहीं अब पुलिस काफी पहले भी हुई डकैती की घटनाओं के रिकॉर्ड को खंगाल रही है। जामताड़ा के एसडीपीओ आनंद ज्योति मिंज का कहना है कि साइबर पुलिस कहने वाले के लिए दरवाजा न खोले। वो डकैत हो सकते है। साइबर अपराधियों की धर पकड़ की जा रही है।
बता दें कि 11 अप्रैल 2022 को रूपडीह गांव में हीरालाल मंडल के घर लाखों की डकैती हुई। 20 जून को भेलाटांड़ गांव में दुकानदार के घर पर पुलिसकर्मी बनकर पहुंचे डकैतों ने वारदात को अंजाम दिया है। लटैया-डाभाकेंद्र गांव में तीन भाइयों के घरों से पुलिस बताकर लाखों की डकैती हुई थी।
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