मध्यप्रदेश में हर महीने 1 हजार लोग किडनैप

भोपाल - राजधानी सहित प्रदेश में हर महीने 1 हजार लोग लापता हुए हैं। इसमें सबसे ज्यादा बच्चे और बच्चियां शामिल हैं। पुलिस के 8 महीने के क्रिमिनल रिकॉर्ड से यह खुलासा हुआ है। खासबात है कि करीब 90 फीसदी केस में फिरौती या रंजिश का कोई भी मामला उजागर नहीं हुआ है। वहीं 3 से 17 साल के बच्चे और बच्चियों के गायब होने की पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
क्रिमिनल रिकॉर्ड के मुताबिक भोपाल, इंदौर ही नहीं बल्कि बालाघाट, ग्वालियर-चंबल में भी सबसे ज्यादा किडनैपिंग की एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस मुख्यालय ने पाया है कि जनवरी से लेकर अगस्त तक लगातार बढ़ोतरी हुई है। अबतक 8 हजार 600 से अधिक लोग लापता हुए हैं। जानकारों का कहना है कि बच्चों के अपहरण की वजह है कि चाइल्ड ट्रैफिकिंग भी हो सकती है। क्योंकि सरकार ने खुद दावा किया था कि पिछले साल हजारों की संख्या में बच्चों को रेस्क्यू किया गया था। देह व्यापार और बाल श्रम के लिए भी बच्चों को तस्कर दूसरे राज्यों में ले जाते हैं और परिवार वालों को भनक नहीं लगती है। हालांकि पुलिस अधिकारियों का दावा है कि किडनैपिंग के मामलों में एसपी लगातार मानीटरिंग करते हैं। इसके अलावा संबंधित कई एजेंसियों को भी जानकारी साझा की जाती है मगर आकंड़ों से साफ है कि प्रदेश में किडनैपिंग के मामले में बढ़ोतरी हुई है। जबकि साल 2021 में औसतन हर महीने 600 से 700 लोगों के लापता होने का रिकॉर्ड है। यानी साफ है कि साल 2022 में पिछले साल की तुलना हर महीने 300 लोग किडनैप हुए हैं।
महीना केस
- जनवरी 847
- फरवरी 851
- मार्च 1090
- अप्रैल 1161
- मई 1300
- जून 1151
- जुलाई 1210
- अगस्त 1006
कुल 8615
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