Bhopal Crime: 12वीं के छात्र ने लगाई फांसी, ये बताई जा रही वजह

Bhopal Crime: 12वीं के छात्र ने लगाई फांसी, ये बताई जा रही वजह
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Bhopal Crime: टीसी, मार्कशीट नहीं मिलने पर अशोका गार्डन थाना क्षेत्र के एक छात्र ने फांसी लगाकर सुसाइड कर ली। बताया जा रहा है कि वहां मिले सुसाइड नोट में स्कूल प्रबंधन पर रुपए का दबाव बनाने की बात कही गई है। आइए जानते है पूरी घटना को बिस्तार से...

Bhopal: अशोका गार्डन थाना क्षेत्र सेमरा में बारहवीं पास छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसके पास से सुसाइड नोट नहीं मिला है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि उसने बारहवीं की परीक्षा पास की थी, लेकिन टीसी और मार्कशीट स्कूल प्रबंधन द्वारा नहीं दी जा रही थी। स्कूल प्रबंधन का कहना था कि बारह हजार रुपए बकाया है। टीसी और मार्कशीट नहीं मिलने पर छात्र कॉलेज में एडमिशन नहीं ले पा रहा था।

पुलिस के अनुसार मूलरूप से गैरतगंज निवासी अनुराग धाकड़ पिता राकेश धाकड़ (18) सैमरा में रहता था। इसी साल उसने बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण की थी। स्कूल से मार्कशीट व ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेने के लिए वह स्कूल के चक्कर काट रहा था। स्कूल प्रबंधन बकाया फीस के 12 हजार रुपए लिए बिना दस्तावेज देने को तैयार नहीं था। मार्कशीट व टीसी नहीं मिलने से अनुराग कॉलेज में एडमिशन नहीं ले पा रहा था। 12 हजार रुपए के लिए उसके पिता, भाई व परिवार के सभी सदस्य काफी प्रयास कर रहे थे, लेकिन उनके लिए यह रकम बड़ी थी। कॉलेज में एडमिशन नहीं होने से अनुराग धाकड़ परेशान और गुमसुम रहने लगा।

घर में अकेला था अनुराग

अनुराग के पिता मजदूरी करते हैं, जबकि मां औद्योगिक क्षेत्र में काम करती है। भाई सब्जी का ठेला लगाता है। शनिवार दोपहर अनुराग ने कमरा बंद कर फांसी लगा ली। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। पुलिस का कहना है कि अनुराग ने पहले कुंदे से सीलिंग फेन उतारकर नीचे रख दिया था। उसके बाद चादर का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

भाई का कॉल नहीं कर रहा था रीसिव

शनिवार सुबह सभी लोग काम पर गए थे। अनुराग के भाई ने उसे कॉल किया, लेकिन उसने कॉल रीसिव नहीं किया। इसके बाद मकान मालिक से कहा कि अनुराग से बात करा दें। मकान मालिक जब कमरे के बाहर पहुंचा तो अनुराग फांसी लगा चुका था।

मॉल की नौकरी

पुलिस ने बताया कि सात-आठ महीने पहले अनुराग ने भानपुर स्थित एक मॉल में नौकरी की थी। नौकरी के दौरान उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी थी। करीब एक माह पूर्व उसकी नौकरी छूट गई थी। पिता ने बताया कि बेटे का कॉलेज में एडमिशन के लिए 12 हजार रुपए की मदद मांगने वह एक मंत्री के पास भी गए थे, लेकिन बात नहीं बनी। अनुराग का बड़ा भाई स्नातक पढ़ा है और सब्जी विक्रेता है।

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